7 नए ओवरब्रिज से ट्रैफिक जाम को अलविदा, शहरवासियों को हर रास्ते पर मिलेगी राहत

रायपुर। राजधानी रायपुर की 25 लाख से अधिक आबादी के लिए बड़ी राहत की खबर है। शहर में पहली बार एक साथ 7 नए ओवरब्रिज (Flyovers) के निर्माण का फैसला लिया गया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इन सभी ओवरब्रिज को एक साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए बजट को भी मंजूरी दे दी गई है।

जाम और हादसों वाले इलाकों में होगा निर्माण
पीडब्ल्यूडी ने शहर में उन सड़कों की पहचान की है जहां ट्रैफिक जाम और हादसों की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया गया है कि किन-किन इलाकों में नए ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। इससे न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या हल होगी, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था भी आधुनिक और सुगम हो सकेगी।

यहां बनेंगे नए ओवरब्रिज

  • कालीबाड़ी चौक से पुलिस लाइन गेट तक: 50 करोड़ की लागत से 1.5 किमी लंबा ओवरब्रिज।
  • फुंडहर चौक से टेमरी तक: 30 करोड़ की लागत से 700 मीटर लंबा फ्लाईओवर।
  • अमलीडीह चौक से द्रोणाचार्य स्कूल तक: 40 करोड़ की लागत से केनाल लिंकिंग रोड पर ओवरब्रिज।
  • गुढ़ियारी-शुक्रवारी बाजार से एक्सप्रेस-वे लिंक: पीडब्ल्यूडी द्वारा फ्लाईओवर निर्माण की योजना।
  • मोवा: खालसा स्कूल से रिलायंस मार्ट तक: 135 करोड़ की लागत से ओवरब्रिज निर्माण।
  • भानपुरी चौक: 40 करोड़ की लागत से ओवरब्रिज निर्माण, रोजाना 50 हजार वाहनों को राहत।
  • खारुन नदी पर ओवरब्रिज: रायपुर-पाटन को जोड़ेगा, 60 करोड़ की लागत से, प्रतिदिन 80 हजार वाहन प्रभावित।

यातायात सुगम, दुर्घटनाओं में कमी
अधिकारियों का कहना है कि इन फ्लाईओवर्स के निर्माण से ट्रैफिक फ्लो सुगम होगा और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। कालीबाड़ी चौक, फुंडहर चौक, एमएमआई चौक जैसे अति-व्यस्त इलाकों में जाम के समय हर दिन यात्रियों के 20 से 30 मिनट तक बच सकेंगे।

राष्ट्रीय पहचान के अनुरूप हो रहा रायपुर का विकास
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि रायपुर की पहचान अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बन रही है। इसी के अनुरूप शहर की यातायात प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए यह योजना तैयार की गई है। अधिकारियों का दावा है कि मुख्यालय से इस पर सहमति मिल गई है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा। ट्रैफिक नहीं, प्रगति की रफ्तार पर दौड़ेगा रायपुर
इस परियोजना के तहत शहरवासियों को जाम और ट्रैफिक की समस्याओं से निजात मिलेगी। इसके साथ ही शहर की रफ्तार और विकास में भी तेजी आएगी। प्रशासन का मानना है कि रायपुर को स्मार्ट सिटी की दिशा में ले जाने के लिए यह बड़ा कदम साबित होगा।

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