
गाजा पट्टी | गाजा पट्टी में रविवार को एक बार फिर इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई, जब मानवीय सहायता का इंतजार कर रहे दर्जनों फिलिस्तीनियों पर जानलेवा हमला हुआ। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस गोलाबारी में कम से कम 73 लोगों की मौत हो गई, जबकि 150 से अधिक घायल हुए हैं। इनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे भीषण हमला उत्तरी गाजा में ज़िकिम क्रॉसिंग के पास हुआ, जहां सैकड़ों फिलिस्तीनी राहत सामग्री हासिल करने के लिए जुटे थे। अचानक शुरू हुई इजरायली सेना की गोलीबारी ने मौके को चीख-पुकार और भगदड़ में बदल दिया। घायलों को तत्काल अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, लेकिन दवाओं और संसाधनों की भारी कमी के चलते राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यह हमला उस समय हुआ जब लोग अलग-अलग स्थानों पर राहत पहुंचने की उम्मीद में कतारों में खड़े थे। यह घटना गाजा में लगातार बिगड़ती मानवीय स्थिति और वहां के लोगों की भोजन, पानी और दवाओं जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए जूझने की भयावह तस्वीर पेश करती है।
इस हृदयविदारक हमले ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान गाजा पट्टी में चल रहे संकट की ओर खींचा है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने पहले भी इस क्षेत्र में मानवीय गलियारा बनाने और संघर्षविराम की अपील की थी, लेकिन हालात सुधरने के बजाय और गंभीर होते जा रहे हैं।
राहत कार्य अभी भी जारी है, लेकिन फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या युद्ध के बीच इंसानियत की कोई जगह बची है?