कोपेनहेगन/डेन्मार्क: रूस द्वारा यूक्रेन में तैनात किए गए ‘किलर ड्रोन’ की तबाही और हालिया सीमा-घुसपैठ की घटनाओं ने यूरोप में सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी जगा दी है। इन घटनाओं के मद्देनज़र यूरोपीय संघ (EU) ने डेनमार्क में आपात बैठक बुलाई है, जिसमें पूरे महाद्वीप के आकाश को सुरक्षित रखने के लिए एक अदृश्य “ड्रोन वॉल” बनाने के क्रांतिकारी विचार पर चर्चा की जा रही है।
सरल शब्दों में यह कोई ठोस दीवार नहीं होगी, बल्कि सीमा-रक्षात्मक तकनीकों का एक घना नेटवर्क होगा — राडार, इलेक्ट्रॉनिक जैमर, सेंसर्स और रियल-टाइम कम्युनिकेशन प्रणालियाँ — जो किसी अनजान ड्रोन को सीमा में प्रवेश करते ही पहचान कर उसे पहले ही इंटरसेप्ट कर देगी। प्रस्ताव के तहत सदस्य देशों के बीच लाइव डेटा साझा कर एक समन्वित रक्षा कवच बनाया जाएगा।
हाल के महीनों में NATO सदस्य देशों — जिनमें पोलैंड, एस्टोनिया और रोमानिया शामिल हैं — के हवाई क्षेत्र में संदिग्ध रूसी जासूसी ड्रोन देखे जाने के बाद सुरक्षा स्तर बढ़ गया है। इन घटनाओं ने संकेत दिए हैं कि पारंपरिक तोपखाने और मिसाइल-आधारित रक्षा समाधान छोटे, सस्ते और तेजी से गतिशील ड्रोन के ख़िलाफ़ प्रभावी नहीं हैं। यही वजह है कि कई देशों ने ‘ड्रोन वॉल’ जैसी तकनीकी, किफायती और समन्वित प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करने का प्रस्ताव रखा है।
नाटो के महासचिव ने भी इस तरह के कदम का समर्थन किया है और कहा है कि कुछ हज़ार डॉलर वाले ड्रोन को मार गिराने के लिए महंगी मिसाइलों का इस्तेमाल करना व्यवहारिक नहीं है। इसलिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और सेंसिंग-आधारित समाधान अधिक प्रभावी और किफायती विकल्प दिखते हैं।
प्रस्तावित प्रणाली की तकनीकी रूपरेखा, लागत और कार्यान्वयन का समय-परिणाम आज की बैठक के मुख्य एजेंडे में हैं। साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि आवेदन में यूक्रेन के अनुभवों और वहां के ड्रोन-रोधी उपायों का कितना समावेश किया जाए। कुछ सदस्य देशों ने सीमापार निगरानी और रियल-टाइम सूचना साझा करने की तत्परता भी जताई है।
हालांकि कई विशेषज्ञों ने इस विचार का स्वागत किया है, पर इसके साथ ही कुछ चुनौतियाँ भी सामने हैं — निजी हवाई-यातायात, सिविल प्राइवेसी, तकनीकी इंटरऑपरेबिलिटी और उपायों की लागत के मायने में राजनीतिक सहमति जरूरी होगी। इन सभी बातों पर सदस्य देशों को आपसी समझ और संयुक्त योजना बनानी पड़ेगी।
यूरोप में बढ़ रही ड्रोन-खतरों की चुनौतियों को देखते हुए ‘ड्रोन वॉल’ जैसे प्रस्ताव संभवतः भविष्य की सीमाओं की सुरक्षा का नया मॉडल बन सकते हैं। आज की बैठक में जो दिशा-निर्देश तय होंगे, वे आने वाले वर्षों में महाद्वीप की हवाई सुरक्षा रणनीति को आकार दे सकते हैं।