नई दिल्ली। भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने Google Chrome और Mozilla Firefox ब्राउजर यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है। एजेंसी ने बताया कि इन ब्राउज़रों के पुराने संस्करणों में गंभीर सुरक्षा खामियां पाई गई हैं, जिनका फायदा उठाकर हैकर्स सेंसिटिव डेटा चोरी कर सकते हैं या डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं। यूजर्स को तुरंत अपने ब्राउजर को लेटेस्ट वर्जन में अपडेट करने की सलाह दी गई है।
Chrome में मिली कमजोरियां
CERT-In के अनुसार, Linux पर 141.0.7390.54 और Windows/macOS पर 141.0.7390.54/55 से पुराने Chrome वर्जन्स में WebGPU और Video में heap buffer overflow, Storage और Tab में डेटा लीक, और Media व Drmbox में गलत इम्प्लीमेंटेशन जैसी खामियां हैं। इन बग्स का उपयोग कर कोई भी रिमोट अटैकर यूजर को मैलिशियस वेबसाइट पर भेजकर कोड रन कर सकता है और निजी जानकारी तक पहुंच सकता है।
Firefox यूजर्स के लिए चेतावनी
Mozilla Firefox के 143.0.3 से पुराने वर्जन्स और iOS के लिए 143.1 से नीचे वाले वर्जन्स में भी गंभीर सुरक्षा समस्याएं मिली हैं। इनमें cookie storage का सही आइसोलेशन न होना, Graphics Canvas2D में integer overflow, और JavaScript Engine में JIT miscompilation शामिल हैं। कोई भी यूजर अगर इन वर्जन्स पर मैलिशियस वेब लिंक क्लिक करता है, तो हैकर्स सिस्टम और ब्राउजर डेटा पर नियंत्रण पा सकते हैं।
यूजर्स को क्या करना चाहिए?
- CERT-In ने दोनों ब्राउजर अलर्ट्स को High-Risk कैटेगरी में रखा है। एजेंसी ने निर्देश दिया है कि:
- तुरंत Chrome और Firefox के लेटेस्ट वर्जन इंस्टॉल करें।
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर डिटेल्ड वल्नरेबिलिटी नोट्स और पैच लिंक चेक करें।
Google और Mozilla दोनों ने ही इन खामियों को दूर करने के लिए सिक्योरिटी पैच जारी कर दिए हैं। यूजर्स को सलाह दी गई है कि वे अपडेट न करने की स्थिति में संवेदनशील जानकारी का उपयोग करने से बचें और अनजान लिंक पर क्लिक न करें।