
बिलासपुर। जिले में ज़मीन हड़पने की एक संगठित और चौंकाने वाली साजिश सामने आई है, जिसमें न सिर्फ कानून बल्कि रिश्तों और भरोसे को भी शर्मसार किया गया। प्रार्थी प्रकाश दुबे की पैतृक भूमि को ठगों ने मिलकर बेचने की गहरी साजिश रची।
फर्जी दस्तावेज और नकली वारिस के जरिए की गई रजिस्ट्री
मामले में सबसे पहले कूटरचित दस्तावेज तैयार किए गए, फिर मृतक भैयालाल दुबे की जगह एक बुजुर्ग व्यक्ति मंगलदास को खड़ा कर ज़मीन की रजिस्ट्री करा दी गई। इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए गिरोह के सदस्यों ने योजनाबद्ध तरीके से पूरी साजिश रची।
गिरोह के पांच सदस्य शामिल, दो गिरफ्तार
आरोपियों में अभिषेक दुबे, राहुल पटवा, अनुज मिश्रा, गोविंदराम और मंगलदास शामिल हैं। गोविंदराम और राहुल पटवा ने मिलकर मंगलदास को बिलासपुर लाया, जहां उसे मृतक का रूप देकर ज़मीन बेचने का नाटक किया गया। पुलिस ने गिरोह के पांचों सदस्यों को पकड़ लिया है, जिनमें से दो को जेल भेज दिया गया है, जबकि तीन से पूछताछ जारी है।
सतर्कता और दस्तावेज जांच की जरूरत
यह मामला एक बार फिर से दर्शाता है कि ज़मीन संबंधी दस्तावेजों की सही जांच और सतर्कता कितनी आवश्यक है। प्रशासन ने मामले की जांच तेज कर दी है और रजिस्ट्री कार्यालय की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
प्रार्थी को अब न्याय की उम्मीद
पीड़ित प्रकाश दुबे ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगा और उसकी पैतृक भूमि उसे वापस दिलाई जाएगी। वहीं पुलिस अन्य संभावित आरोपियों की तलाश में भी जुट गई है।