रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज घोटाला: सीबीआई ने संत सहित 35 लोगों पर दर्ज की एफआईआर, 55 लाख की रिश्वत के आरोप में खुला भ्रष्टाचार का बड़ा रैकेट

रायपुर। देश के चर्चित संत रावतपुरा सरकार अब गंभीर कानूनी विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। सीबीआई ने मेडिकल कॉलेज की मान्यता को लेकर हुए कथित घोटाले में रावतपुरा सरकार और उनके संस्थान से जुड़े 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

यह मामला रिश्वतखोरी और फर्जीवाड़े का है, जिसमें मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के लिए 1.62 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है। सीबीआई ने पहले ही इस मामले में 55 लाख रुपये की रिश्वत लेते 6 लोगों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, जिनमें 4 डॉक्टर और 2 महिला कांस्टेबल शामिल हैं।

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई जांच के अनुसार, श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज, रायपुर को मान्यता दिलाने के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की निरीक्षण टीम को रिश्वत देने की साजिश रची गई।

कॉलेज के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने संस्थान के पक्ष में रिपोर्ट बनवाने के लिए निरीक्षण टीम को 55 लाख रुपये की पेशकश की थी। इसके बाद 1 जुलाई को सीबीआई ने कॉलेज में छापेमारी कर पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया।

आरोपियों की लंबी सूची

इस मामले में सीबीआई ने जिन 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, उनमें कई नामी डॉक्टर, संस्थान से जुड़े पदाधिकारी, महिला कॉन्स्टेबल और निजी मेडिकल कॉलेज संचालक शामिल हैं। मुख्य नाम इस प्रकार हैं:

रावतपुरा सरकार (रविशंकर जी महाराज)

अतुल कुमार तिवारी
  • मयूर रावल, आर. रणदीप नायर, डी. पी. सिंह, डॉ. अतिन कुंडू,
  • लक्ष्मीनारायण चंद्राकर, संजय शुक्ला, डॉ. मंजप्पा सी. एन.,
  • डॉ. सतीश, डॉ. चैत्रा एम. एस., डॉ. पी. रजनी रेड्डी, डॉ. अशोक शेल्के,
  • डॉ. जीतू लाल मीणा, पूनम मीणा, धर्मवीर, पियूष मल्यान,
  • अनूप जायसवाल, राहुल श्रीवास्तव, चंदन कुमार, दीपक अधिकारी,
  • मनिषा अधिकारी सहित अन्य।

क्या होगी रावतपुरा सरकार की गिरफ्तारी?

मामले के तूल पकड़ने के बाद यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि क्या सीबीआई रावतपुरा सरकार को भी गिरफ्तार करेगी? अभी तक सीबीआई ने इस संबंध में आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन जांच की दिशा और अब तक की गिरफ्तारियों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही कुछ बड़े नामों पर शिकंजा कस सकता है।

NMC की सख्ती और ‘शून्य वर्ष’ की चेतावनी

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहा है। सूत्रों के अनुसार, रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज को “शून्य वर्ष” घोषित किया जा सकता है, जिससे कॉलेज में इस शैक्षणिक सत्र में कोई भी प्रवेश नहीं हो सकेगा।

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