रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होते ही पहले दिन हंगामेदार रहा। सत्र की शुरुआत पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त और पूर्व विधायक राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई। श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
शून्यकाल के दौरान विपक्ष ने प्रदेश में डीएपी खाद और प्रमाणित बीज की कमी को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अस्वीकार कर दिया। इस पर नाराज़ विपक्ष ने सदन में जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी और गर्भगृह में घुसकर विरोध दर्ज कराया। नियमों के अनुसार, विपक्ष के 23 विधायक स्वमेव रूप से कार्यवाही से निलंबित हो गए।
कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज का भंडारण किया गया है और सभी सहकारी समितियों में किसानों को सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
लगातार विरोध और नारेबाजी के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही पुनः आरंभ होने पर सभी निलंबित विधायकों का निलंबन वापस ले लिया गया।
सत्र के अंत में संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप ने आग्रह किया कि नई राजधानी में होने वाले वृक्षारोपण कार्यक्रम में विधायकों को शामिल होना है, इसलिए आज की कार्यवाही स्थगित की जाए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी इसका समर्थन किया, जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित कर दी।