
दुर्ग | आगामी त्योहारों एवं धार्मिक आयोजनों को ध्यान में रखते हुए दुर्ग जिले में डीजे संचालकों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग एवं नगर पुलिस अधीक्षक भिलाई नगर द्वारा पुलिस नियंत्रण कक्ष, भिलाई में जिले के डीजे संचालकों की एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें लगभग 100 डीजे संचालक उपस्थित रहे।
बैठक में ध्वनि प्रदूषण, सार्वजनिक शांति व्यवस्था और न्यायालयों के आदेशों के पालन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। डीजे संचालन के दौरान नियमों का उल्लंघन न हो, इसके लिए अधिकारियों ने निम्न प्रमुख निर्देश जारी किए:
- शासकीय या निजी संपत्ति के उपयोग के लिए पूर्वानुमति अनिवार्य होगी।
- ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज निर्धारित सीमा (75 डेसिबल या स्थानीय परिवेश से अधिकतम 10 डेसिबल कम) से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे या वाद्य यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
- वाहनों पर डीजे या वाद्य यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित किया गया है।
- आम जनता को असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हुए किसी भी आयोजन में मार्ग अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए।
- विवाद की स्थिति में अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी।
- 100 मीटर के दायरे में आने वाले सभी अस्पताल, स्कूल, न्यायालय, और सरकारी कार्यालयों को कोलाहल प्रतिबंधित क्षेत्र (Silence Zone) घोषित किया गया है।
- एन.जी.टी., उच्च न्यायालय और Noise Pollution Rules, 2000 के दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य किया गया है।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उल्लंघन की स्थिति में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह पहल ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने और जिले में शांतिपूर्ण त्योहार मनाने के उद्देश्य से की गई है।