
नई दिल्ली/सना: यमन में हत्या के मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया की रिहाई की कोशिशों को गहरा झटका लगा है। मृतक तलाल अब्दो महदी के परिवार ने 8.5 करोड़ रुपये की ब्लड मनी (मुआवजा) को ठुकरा दिया है और साफ कहा है कि वे माफी नहीं, बल्कि ‘किसास’ के तहत फांसी की सजा चाहते हैं।
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब भारत सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा निमिषा की सजा को टालने और माफी दिलाने के लिए गहन प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल 16 जुलाई को होने वाली फांसी पर अस्थायी रोक लगी हुई है, लेकिन इस ताजा इनकार से पूरे मामले में एक नई और चिंताजनक स्थिति बन गई है।
क्या है मामला?
2017 में यमन की राजधानी सना में निमिषा प्रिया ने कथित तौर पर तलाल अब्दो महदी की हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि तलाल ने निमिषा को धोखे से वीज़ा और पासपोर्ट से जुड़ी समस्याओं में फंसा दिया था, जिसके चलते निमिषा ने कथित रूप से उसे इंजेक्शन देकर मार डाला। मामला सामने आने के बाद यमन की अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी।
मृतक के भाई अब्दुल फतह महदी ने बीबीसी अरबी से बातचीत में कहा:
“हम न्याय चाहते हैं, और न्याय तब होगा जब निमिषा को मौत की सजा दी जाएगी। ब्लड मनी की कोई कीमत हमारे भाई की जिंदगी की भरपाई नहीं कर सकती। हम माफी नहीं देंगे।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि परिवार इस्लामी न्याय व्यवस्था के तहत ‘किसास’ की मांग कर रहा है, जो कि हत्या के बदले हत्या की सजा को वैध मानता है।
18 जुलाई को भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि निमिषा की सुरक्षित रिहाई के प्रयास जारी हैं और यमन सरकार से बातचीत चल रही है। सरकार ने बताया कि फांसी को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता संगठन ‘सेव निमिषा प्रिया- इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर भारत सरकार से प्रतिनिधिमंडल यमन भेजने की अपील की है ताकि पीड़ित परिवार से सीधी बातचीत कर माफी की संभावना तलाशी जा सके।
क्या है आगे की राह?
फिलहाल भारत सरकार, सामाजिक कार्यकर्ता और कानूनी संस्थाएं ब्लड मनी और संवाद के जरिए माफी की संभावनाएं तलाश रही हैं, लेकिन मृतक परिवार के इस दो-टूक इनकार ने राह मुश्किल बना दी है। ऐसे में आने वाले दिन तय करेंगे कि क्या निमिषा प्रिया को जीवनदान मिल पाएगा या यमन की अदालत द्वारा सुनाई गई मौत की सजा पर अमल होगा।