
रायपुर : छत्तीसगढ़ में सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने सरकार और जांच एजेंसियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
गुरुवार 18 जुलाई को चैतन्य की गिरफ्तारी के तुरंत बाद रायपुर में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की गुप्त बैठक हुई। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस कर भूपेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखे आरोप लगाए।
भूपेश बघेल का हमला:
प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,
“बीजेपी एक पेड़ मां के नाम और पूरा जंगल बाप के नाम करने का काम कर रही है। पहले कवासी लखमा, फिर देवेंद्र यादव और अब मेरे बेटे को फंसाया गया। चैतन्य राजनीति में भी नहीं है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
“जंगलों की कटाई पर सवाल उठाने वालों को जेल भेजा जा रहा है, ये लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। अब ये लड़ाई सड़क पर लड़ी जाएगी।”
कांग्रेस का ऐलान – 22 जुलाई को चक्काजाम
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया।
बैज ने कहा,
“अगर ईडी, सीबीआई, ईओडब्ल्यू के अलावा कोई और एजेंसी हो, तो वो भी भेज दीजिए। हमारे नेताओं को एक-एक कर निशाना बनाया जा रहा है।”
कांग्रेस ने 22 जुलाई को पूरे प्रदेश में चक्काजाम का ऐलान किया है, जिसे लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
आने वाले दिन अहम
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से उपजे सियासी संकट ने कांग्रेस को एकजुट कर दिया है। जानकारों का मानना है कि यह मामला आने वाले दिनों में और बड़ा रूप ले सकता है और छत्तीसगढ़ की राजनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकता है।