
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में मंगलवार सुबह न्यायालय परिसर से एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया। भिलाई-3 थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले व्यवहार न्यायालय में कार्यरत क्लर्क सोमनाथ ठाकुर (46) ने कोर्ट रूम के भीतर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मृतक की जेब से मिला सुसाइड नोट आत्महत्या के पीछे की वजह को उजागर करता है। नोट में सोमनाथ ने लिखा कि वे न्यायिक अधिकारियों द्वारा बनाए जा रहे अत्यधिक काम के दबाव के कारण मानसिक तनाव में थे और इसी कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। हालांकि उन्होंने किसी अधिकारी का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिखा।
सुबह ड्यूटी पर आए, लेकिन कोर्ट खुलने से पहले…
सोमनाथ ठाकुर, जो मूलतः पाटन तहसील के केसरा गांव के निवासी थे, वर्तमान में भिलाई-3 स्थित न्यायिक कर्मचारी क्वार्टर में अपने परिवार – पत्नी, 10 वर्षीय बेटे और 8 वर्षीय बेटी – के साथ रह रहे थे। वे मजिस्ट्रेट अभिनव डहरिया की अदालत में क्लर्क के पद पर कार्यरत थे।
मंगलवार सुबह वे रोज की तरह सुबह 8:30 बजे ड्यूटी पर पहुंचे। जब अन्य कर्मचारी और न्यायाधीश कोर्ट में प्रवेश करने वाले थे, तब उन्हें कोर्ट रूम में फंदे से लटका पाया गया।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही भिलाई-3 पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फंदे से उतारकर लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, सुपेला पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।
सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी ने बताया कि मृतक की जेब से एक मोबाइल और एक्सरसाइज बुक में लिखा सुसाइड नोट मिला है, जिसमें काम के दबाव को आत्महत्या का कारण बताया गया है।
सटीक कारण जानने पुलिस कर रही गहन पूछताछ
फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है। मृतक के परिवार के सदस्यों, सहकर्मियों और कोर्ट कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।