हवाई क्षेत्र में खतरनाक चूक: B-52 और 80 यात्रियों से भरा विमान आमने-सामने, टला बड़ा हादसा

नॉर्थ डकोटा। अमेरिका के नॉर्थ डकोटा में शुक्रवार को एक बड़ा हवाई हादसा होते-होते बच गया, जब अमेरिकी वायुसेना का B-52 बॉम्बर और एक व्यावसायिक विमान बेहद करीब आ गए। विमान में सवार 80 यात्रियों की जान उस समय खतरे में पड़ गई, जब एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की चूक के चलते दोनों विमान आमने-सामने आ गए।

यह गंभीर घटना उस वक्त हुई जब स्काईवेस्ट एयरलाइंस की डेल्टा फ्लाइट 3788, मिनियापोलिस से उड़ान भरकर मिनोट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग की तैयारी कर रही थी। उसी समय वायुसेना का B-52 बॉम्बर नॉर्थ डकोटा स्टेट फेयर के ऊपर फ्लाईओवर मिशन में था, जिसके लिए FAA और एयरबेस एटीसी की सहमति पहले से ली गई थी।

ATC ने नहीं दी चेतावनी, पायलट को लेना पड़ा आक्रामक मोड़

वायुसेना के अनुसार, जब B-52 बॉम्बर अपना पहला फ्लाईओवर पूरा कर रहा था, तब एयरबेस एटीसी ने उसके पायलट को हवाई अड्डे के टॉवर से संपर्क करने को कहा। टॉवर ने पायलट को पश्चिम की ओर उड़ान जारी रखने को कहा, लेकिन यह नहीं बताया कि उसी क्षेत्र में एक यात्री विमान भी मौजूद है।

नतीजतन, स्काईवेस्ट विमान के पायलट को अचानक B-52 अपने सामने दिखाई दिया, और संभावित टक्कर से बचने के लिए तुरंत एक आक्रामक मोड़ लेना पड़ा। विमान के एक यात्री द्वारा रिकॉर्ड वीडियो में पायलट को कहते हुए सुना गया,

“माफ़ कीजिए, वह मोड़ थोड़ा आक्रामक था। यह मेरे लिए भी अप्रत्याशित था… मुझे नहीं पता कि उन्होंने हमें चेतावनी क्यों नहीं दी।”

जांच शुरू, तीन एजेंसियां जुटीं

इस खतरनाक घटना के बाद FAA, अमेरिकी वायुसेना और स्काईवेस्ट एयरलाइंस ने मिलकर गहन जांच शुरू कर दी है। वायुसेना ने इस चूक को हाल के दिनों में हवाई सुरक्षा पर गंभीर चिंता बताते हुए माना है कि ATC की लापरवाही से दर्जनों जानें खतरे में पड़ गईं।

यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना ने अमेरिकी हवाई यातायात नियंत्रण प्रणाली की सुरक्षा और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर पायलट समय पर मोड़ नहीं लेते, तो यह घटना एक बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी।

यह हादसा भले ही टल गया हो, लेकिन इसकी अनदेखी अब संभव नहीं है। आगामी जांच रिपोर्ट से कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

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