
इंदौर | चर्चित ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है, जिसने पूरे मामले को एक नई दिशा दे दी है। अब तक पीड़ित परिवार के साथ न्याय की मांग करने वाले गोविंद, जो कि मृतक राजा की पत्नी और मुख्य आरोपी सोनम रघुवंशी का सगा भाई है, खुद शक के घेरे में आ गया है।
❝न्याय की लड़ाई या छल की चाल?❞
मामले में यह सनसनी तब फैली जब राजा के छोटे भाई विपिन रघुवंशी शिलांग पहुंचे। यहां उन्हें पता चला कि गोविंद बीते कई दिनों से गुपचुप तरीके से अपनी बहन सोनम और उसके प्रेमी राज के लिए वकील ढूंढ रहा है। यही नहीं, उसने कई वकीलों से केस से जुड़ी बारीकियों पर गहन चर्चा भी की है। विपिन ने इसे ‘डबल क्रॉस’ बताते हुए सार्वजनिक रूप से आरोप लगाया है कि गोविंद ने पूरा परिवार और मीडिया को धोखे में रखा।
गोविंद की दोहरी भूमिका
विपिन ने बताया, “गोविंद ने पहले मीडिया के सामने आकर अपनी बहन को फांसी देने की मांग की थी, जिससे हम सबको यकीन हुआ कि वो हमारे साथ है। लेकिन अब उसके असली इरादे उजागर हो गए हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि गोविंद जो कुछ कहता रहा, वह सब झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है।
पुलिस जांच पर भी उठे सवाल
इस केस में सिर्फ गोविंद ही नहीं, बल्कि पुलिस जांच की दिशा पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। राजा के परिवार ने साफ तौर पर कहा है कि पुलिस की जांच में गंभीर खामियां हैं। हाल ही में एक प्रमुख आरोपी शिलोम जेम्स को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। इससे पहले, बलवीर अहिरवार और लोकेंद्र तोमर भी जमानत पर छूट चुके हैं। परिजन इस बात से बेहद व्यथित हैं कि कोर्ट में मजबूत सबूत पेश नहीं किए जा पा रहे।
हत्या की खौफनाक कहानी
गौरतलब है कि राजा रघुवंशी और सोनम की शादी इसी साल 11 मई को हुई थी। 20 मई को दोनों हनीमून के लिए गुवाहाटी और फिर शिलांग गए थे। लेकिन 23 मई को राजा रहस्यमय तरीके से लापता हो गया। 2 जून को उसका शव शिलांग की एक खाई में मिला। आरोप है कि सोनम ने अपने प्रेमी राज और उसके दोस्तों के साथ मिलकर पति की हत्या की योजना बनाई थी और इसी मकसद से उसे हनीमून पर लेकर गई थी। वारदात के बाद कई दिनों तक फरार रहने के बाद सोनम ने यूपी के गाजीपुर में सरेंडर किया था।
पीड़ित परिवार की मांग
राजा का परिवार अब इस केस की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। उनका कहना है कि जब तक स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी इस केस की तफ्तीश नहीं करती, तब तक सच्चाई सामने नहीं आएगी। साथ ही, गोविंद की भूमिका की गहराई से जांच होनी चाहिए क्योंकि वह अब आरोपी पक्ष का ‘अंदरूनी सहयोगी’ बनकर उभर रहा है।