
बिलासपुर। हरेली पर्व के दिन बिलासपुर के खम्हारिया गांव में एक भीषण हादसा हुआ, जिसने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। सीपत थाना क्षेत्र के तुंगन नाले में पुल पर तेज बहाव के कारण एक वेगनआर कार बह गई, जिसमें 9 लोग सवार थे। ग्रामीणों और प्रशासन की मदद से 8 लोगों को तो बचा लिया गया, लेकिन तीन साल का मासूम तेजस साहू पानी में लापता हो गया। 43 घंटे बाद तेजस का शव बबूल की झाड़ियों में फंसा मिला। इस हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।
तुंगन नाले के पुल पर पानी का तेज बहाव था, लेकिन सतर्कता न बरतने की कीमत पूरे परिवार को चुकानी पड़ी। कार जैसे ही पुल पर पहुंची, पानी के वेग में बह गई। कार में सवार 9 में से 8 लोगों को किसी तरह ग्रामीणों और प्रशासन की टीम ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन तीन साल का तेजस और कार नाले में डूब गई।
घटना की सूचना मिलते ही सीपत थाना प्रभारी गोपाल सतपथी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। रात भर चले सर्च ऑपरेशन में अंधेरा और तेज बहाव बाधा बनता रहा। अगले दिन SDRF और ग्रामीणों ने मिलकर रेस्क्यू अभियान फिर शुरू किया। कार करीब 300 मीटर दूर, 15 फीट गहरे पानी में बरामद की गई, लेकिन उसमें तेजस नहीं मिला।
शनिवार दोपहर, घटना स्थल से करीब 500 मीटर दूर, एक बबूल की झाड़ी में तेजस का शव फंसा हुआ मिला। शव की हालत देखकर हर आंख नम हो गई। मासूम का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है, परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। गांववाले प्रशासन की लापरवाही पर आक्रोशित हैं।
“पुल की हालत चिंताजनक है” — ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारियों और ग्रामीणों ने पुल की बदहाली को लेकर चिंता जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पुल की मरम्मत की मांग वर्षों से की जा रही है, लेकिन प्रशासन ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई। तेजस की मौत के बाद अब लोग सवाल कर रहे हैं कि “क्या प्रशासन की नींद अब खुलेगी?”
अब सवाल ये है— कब सुधरेंगे हालात?
एक मासूम की जान जाने के बाद भी क्या लापरवाही यूं ही चलती रहेगी? क्या अब भी प्रशासन पुल की मरम्मत की दिशा में ठोस कदम उठाएगा? गांव की टूटी उम्मीदें अब जवाब मांग रही हैं।