नगर निगम का बड़ा फैसला – पीओपी मूर्तियाँ बैन, विक्रेताओं को जारी की चेतावनी

दुर्ग। आगामी गणेश उत्सव को देखते हुए नगर पालिक निगम दुर्ग एवं जिला प्रशासन ने शहर में पीओपी प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित मूर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण और जल स्रोतों की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। आदेश के अनुसार, अब नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत सभी घरों, कार्यालयों और सार्वजनिक पंडालों में केवल मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियाँ ही स्थापित की जा सकेंगी।

महापौर अलका बाघमार एवं आयुक्त सुमित अग्रवाल ने मूर्ति विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वे केवल मिट्टी से निर्मित गणेश मूर्तियाँ ही विक्रय के लिए रखें। पीओपी से बनी मूर्तियाँ न केवल जल स्रोतों को प्रदूषित करती हैं, बल्कि इनके अपघटन में भी लंबा समय लगता है जिससे जल जीवों और पर्यावरण को गंभीर नुकसान होता है।

महापौर अलका बागमार ने कहा-नगर निगम का यह प्रयास शहर को स्वच्छ और हरित बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पीओपी मूर्तियाँ हमारे तालाबों और नदियों को दूषित करती हैं। हम सभी को मिलकर इस पहल में सहयोग करना चाहिए। मैं शहर के सभी नागरिकों से अपील करती हूँ कि वे मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियाँ ही खरीदें और इस बार एक पर्यावरण-अनुकूल गणेश उत्सव मनाएं।”

नगर निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने कहा निगम द्वारा लगातार निगरानी की जाएगी। यदि किसी विक्रेता या आयोजक को पीओपी मूर्तियाँ बेचते या स्थापित करते पाया गया, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी वसूला जाएगा। निगम की टीम बाजारों और मूर्ति विक्रय स्थलों पर नियमित निरीक्षण करेगी।”

उन्होंने यह भी बताया कि नगर निगम द्वारा शहर के प्रमुख चौकों, बाजारों और वार्डों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि आम नागरिकों को पीओपी मूर्तियों के दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी जा सके और वे मिट्टी की मूर्तियाँ अपनाने के लिए प्रेरित हों।

निगम की अपील:

  • नागरिक मिट्टी से बनी मूर्तियाँ ही खरीदें
  • पीओपी मूर्तियों की जानकारी मिलने पर नगर निगम को सूचित करें
  • मूर्ति विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित स्थानों का ही उपयोग करें

यह कदम न सिर्फ पर्यावरण के हित में है, बल्कि भावी पीढ़ियों को एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान है। नगर निगम ने सभी धार्मिक समितियों, गणेश उत्सव मंडलों और गणेश मूर्ति विक्रेताओं से भी सहयोग की अपेक्षा की है।

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