
दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग से संबद्ध कॉलेजों में इस वर्ष प्रवेश (एडमिशन) की रफ्तार बेहद धीमी रही है। 77 हजार यूजी और पीजी सीटों में से अभी तक केवल 29% यानी करीब 10 हजार सीटों पर ही दाखिले हो पाए हैं। प्रवेश की अंतिम तिथि 31 जुलाई तय की गई है, लेकिन कॉलेजों में खाली सीटें चिंता का विषय बनी हुई हैं।
जहां शासकीय कॉलेजों में किसी तरह एडमिशन हो रहे हैं, वहीं निजी कॉलेजों में हालात और भी खराब हैं। शहर के एक निजी कॉलेज में 3 हजार सीटों के मुकाबले अब तक सिर्फ 436 विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। निजी कॉलेज उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शासकीय कॉलेजों में सीटें भरने के बाद छात्र उनकी ओर रुख करेंगे, लेकिन इस बार विद्यार्थियों का रुझान कम देखने को मिल रहा है।
यह पहली बार है जब दुर्ग संभाग के 161 शासकीय और निजी कॉलेजों में एडमिशन ग्राफ इतना नीचे गिरा है। हालांकि, 1 अगस्त से 14 अगस्त तक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय तिवारी की विशेष अनुमति से पोर्टल खोलकर एडमिशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
अकादमिक कैलेंडर के अनुसार, जिन छात्रों का एडमिशन हो चुका है, उनकी कक्षाएं 1 जुलाई से शुरू हो चुकी हैं। वहीं, दिसंबर में सेमेस्टर परीक्षाएं होंगी। नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक छात्रों के लिए इंटर्नशिप को अनिवार्य किया गया है। प्रत्येक सेमेस्टर 90 दिनों में संचालित होगा और छात्रों को 75% उपस्थिति जरूरी करनी होगी।
कोर्सवार सीटें (यूजी) — बीए: 17125, बीएससी: 18880, बीकॉम: 13379, बीबीए: 1280, बीसीए: 1695
डॉ. राजेश पांडेय, क्षेत्रीय अपर संचालक, उच्च शिक्षा ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया 31 जुलाई तक सामान्य नियमों से चलेगी। इसके बाद कुलपति की अनुमति से ही 14 अगस्त तक एडमिशन दिया जाएगा।