MBBS-BDS की काउंसिलिंग में छत्तीसगढ़ के छात्रों को डबल झटका, सीटें कम और सेंट्रल पूल का कब्जा—जानिए अंदर की वजहें

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस कोर्स में प्रवेश के लिए ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले ही दिन 400 से अधिक नीट क्वालिफाइड छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कर प्रदेश में मेडिकल शिक्षा के प्रति उत्साह को साबित कर दिया है। लेकिन इस उत्साह के बीच छात्रों और अभिभावकों को एक बुरी खबर का सामना भी करना पड़ रहा है—प्रदेश में इस साल एमबीबीएस की 180 सीटों की कटौती कर दी गई है।

सीटों में कटौती के मुख्य कारण:

रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में ‘जीरो ईयर’ घोषित होने से 150 सीटों पर इस वर्ष प्रवेश नहीं होगा।

फैकल्टी और आधारभूत सुविधाओं की कमी के चलते अन्य कॉलेज में 30 सीटों की कटौती की गई है। चिंताजनक बात यह है कि यह कॉलेज पिछले वर्ष भी 30 सीटें इसी वजह से गंवा चुका था और एक साल में भी कमियों को दूर नहीं कर पाया।

काउंसिलिंग शेड्यूल इस प्रकार है:

  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि: 4 अगस्त
  • च्वाइस फिलिंग की अंतिम तिथि: 5 अगस्त
  • पहली आवंटन सूची जारी होगी: 8 अगस्त

सेंट्रल पूल कोटा बना चिंता का विषय:
प्रदेश के स्थानीय छात्रों के लिए एक और बड़ा झटका सेंट्रल पूल कोटा के रूप में सामने आया है। छत्तीसगढ़ हर साल अपनी 38 मेडिकल सीटें सेंट्रल पूल में दे रहा है, जो मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों से भी अधिक है। इस व्यवस्था के चलते स्थानीय छात्रों को अपनी ही सीटों से वंचित होना पड़ रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर न तो अधिकारियों का ध्यान है और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने आवाज उठाई है।

सीटों का वितरण इस प्रकार है:

  • स्टेट कोटा: 1418
  • मैनेजमेंट कोटा: 234
  • ऑल इंडिया कोटा: 209
  • एनआरआई कोटा: 81
  • सेंट्रल पूल: 38
  • कुल सीटें: 1980

छात्रों को सलाह दी गई है कि वे कॉलेजों द्वारा जारी सीट मैट्रिक्स को ध्यान में रखते हुए च्वाइस फिलिंग करें, ताकि सीट कटौती के बावजूद उन्हें बेहतर विकल्प मिल सके|

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