निजी अस्पतालों को भी बनाना होगा विशाखा शिकायत समिति..मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग ने जारी किया आदेश

दुर्ग |  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला दुर्ग डॉ मनोज दानी ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी कर जिले के सभी निजी नर्सिंग होम अस्पतालों और मेटरनिटी होम को महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध और प्रतितोष ) अधिनियम 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) गठन करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) के पत्र (दिनांक 13/01/2025) और संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ के पत्र (दिनांक 17/02/2025) के संदर्भ में जारी किया गया है।

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने कोलकाता के आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई कथित बलात्कार और हत्या की घटना पर संज्ञान लेते हुए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। इसके तहत विशेष रूप से आंतरिक शिकायत समितियों के गठन और उनके कार्यान्वयन पर जोर दिया गया है।

निर्देश के प्रमुख बिंदु

आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन जिले के सभी निजी नर्सिंग होम अस्पतालों और मेटरनिटी होम जहां 10 या अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं को अधिनियम के अनुसार आंतरिक शिकायत समिति गठन करना अनिवार्य है।

समिति की संरचना

समिति में कम से कम 50% महिला सदस्य होंगी और इसका कार्यकाल 3 वर्ष होगा। समिति में एक अध्यक्ष, दो सदस्य (जिनमें एक गैर-सरकारी संगठन से हो सकता है) और एक सदस्य सचिव शामिल होंगे।

समिति की जिम्मेदारी

समिति कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न की शिकायतों की गोपनीय और निष्पक्ष जांच करेगी नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करते हुए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।

जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश

सभी संस्थानों को समिति गठन के आदेश और सदस्यों के नाम सहित जानकारी तत्काल ई-मेल (mhfpdurg@gmail.com / nhadurg1@gmail.com) पर भेजनी होगी साथ ही हार्ड कॉपी कार्यालय में जमा करनी होगी।

नोडल अधिकारी

डॉ.अर्चना चौहान मातृत्व स्वास्थ्य नोडल अधिकारी को जिला स्तर पर समिति के कार्यान्वयन और निगरानी के लिए नामांकित किया गया है। अनुभवी वरिष्ठ डॉ अर्चना चौहान को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।

अनुपालन में चूक

यदि कोई संस्था समिति गठन में विफल रहती है तो अधिनियम के तहत 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

पहले से गठित समितियों के लिए

जिन संस्थानों में पहले से आंतरिक शिकायत समिति गठित है और जिनका कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, उन्हें अपने गठन आदेश की प्रति राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को ई-मेल के माध्यम से प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।

महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल

यह कदम कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। समिति के गठन से न केवल शिकायतों का त्वरित निपटारा होगा बल्कि महिला चिकित्सा पेशेवरों को सशक्त बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा में भी मदद मिलेगी।

जानकारी का प्रसार

समिति के गठन और संपर्क विवरण की जानकारी सभी संबंधित संस्थानों की महिला कर्मचारियों विभागीय सूचना पटल और वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। शिकायत दर्ज करने के लिए कर्मचारी डाक या ई-मेल के माध्यम से समिति से संपर्क कर सकते हैं।

प्रतिलिपि

आदेश की प्रतिलिपि जिला कलेक्टर उप संचालक (संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, नवा रायपुर) और नोडल अधिकारी (मातृत्व स्वास्थ्य) को सूचनार्थ प्रेषित की गई है।

संपर्क

अधिक जानकारी के लिए निजी संस्थान उपरोक्त ई-मेल पते या कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला दुर्ग से संपर्क कर सकते हैं।

यह आदेश जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्य वातावरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण सराहनीय कदम है।

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