झूठे आरोपों की साजिश फेल! पाॅक्सो का दुरुपयोग करने वालों पर अब चलेगा कानून का डंडा

रायपुर, । राजधानी रायपुर में नाबालिग से छेड़छाड़ की झूठी शिकायत कराकर एक धार्मिक सेवक की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश को अंजाम देने वालों के खिलाफ सिविल लाइन पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने पूरे मामले का पर्दाफाश करते हुए मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल कय्यूम सहित चार आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कुल 13 गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है, जिनमें संगठित अपराध की धारा भी शामिल है।

मामला वर्ष 2020 का है, जब मोतीबाग दरगाह के खादिम मोहम्मद नईम रिज़वी पर अब्दुल कय्यूम ने 12 वर्षीय नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ का आरोप लगाकर धारा 354 IPC और पॉक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत मामला दर्ज करवाया था। शुरुआती जांच में खादिम को आरोपी मानते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई थी।

पुलिस ने जब मामले की गंभीरता से जांच की, तो पाया गया कि जिस स्थान पर घटना होना बताई गई थी, वहां सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिनमें छेड़छाड़ की कोई गतिविधि रिकॉर्ड नहीं हुई। अन्य कोई भी पुख्ता सबूत पुलिस को नहीं मिले। इसके बाद जिला न्यायालय और बाद में उच्च न्यायालय ने खादिम को राहत देते हुए एफआईआर को निरस्त कर दिया।

जांच के दौरान नाबालिग ने भी यह स्वीकार किया कि उसने अब्दुल कय्यूम के कहने पर झूठी शिकायत की थी। इस बयान के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ साजिश रचने और संगठित अपराध से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया।

पुलिस ने अब्दुल कय्यूम (मुख्य आरोपी), खैरूनिशा, हमीदा और महेसर के खिलाफ BNS की धाराएँ 212, 216, 217, 229, 230, 231, 232, 233, 237, 308(1), 308(6), 308(7), और 111 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। आरोपियों पर संगठित अपराध का भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

यह राजधानी रायपुर में पहला मामला है जब छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के झूठे मुकदमे को लेकर इतनी सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई कानून के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक कड़ा संदेश है।

सूत्रों के अनुसार, मास्टरमाइंड अब्दुल कय्यूम के खिलाफ पूर्व में सट्टेबाजी और अवैध हथियार रखने के भी मामले दर्ज हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *