(महाराष्ट्र)। वाशिम जिले के जिला महिला अस्पताल में कथित लापरवाही के चलते एक नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है, जिससे इलाके में आक्रोश का माहौल है। मृतक शिशु की मां शिवानी वैभव गव्हाने (निवासी पालसखेड गांव) को 2 अगस्त की रात 3 बजे प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि भर्ती के बाद 14 घंटे तक उन्हें चिकित्सकीय सहायता नहीं दी गई, जिससे नवजात की जान चली गई।
परिवार के अनुसार, डॉक्टरों ने शुरुआत में आश्वस्त किया था कि स्थिति सामान्य है और सुबह 10 बजे तक डिलीवरी हो जाएगी। लेकिन इसके बाद शाम 5 बजे तक न कोई डॉक्टर आया, न नर्स। पीड़िता के ससुर ज्ञानेश्वर गव्हाने ने आरोप लगाया कि बार-बार अस्पताल स्टाफ को बुलाने के बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया।
अमानवीयता की हदें पार, प्रसव के समय थप्पड़ और जोर-जबरदस्तीपरिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि जब प्रसव की प्रक्रिया शुरू हुई, तो शिवानी के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उन्होंने बताया कि डिलीवरी के समय शिवानी को थप्पड़ मारे गए, जबरन पेट दबाया गया और प्रशिक्षित स्टाफ के अभाव में अनुभवहीन कर्मचारियों से उसकी जांच कराई गई।
शाम करीब 5:30 बजे डिलीवरी कराई गई, लेकिन तब तक बच्चा मृत पैदा हो चुका था। मृतक नवजात की दादी लता गव्हाने ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “अगर समय पर इलाज होता तो बच्चा जिंदा होता। यह लापरवाही नहीं, बल्कि एक बड़ा अपराध है।”
परिवार ने मांगी उच्चस्तरीय जांच और हत्या का मामला दर्ज करने की मांगपरिजनों ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी अस्पतालकर्मियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (IPC की धारा 304) का मामला दर्ज करने की मांग की है। फिलहाल प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन पर सवालों की बौछार शुरू हो गई है।स्थानीय स्तर पर गूंजा मामला, कार्रवाई की उठी मांगइस हृदयविदारक घटना के सामने आने के बाद स्थानीय सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
स्थानीय स्तर पर गूंजा मामला, कार्रवाई की उठी मांग
इस हृदयविदारक घटना के सामने आने के बाद स्थानीय सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
जांच की मांग के साथ परिजन कर रहे न्याय की गुहार
फिलहाल पीड़ित परिवार न्याय के लिए प्रशासन की ओर देख रहा है। परिजनों का कहना है कि दोषियों को सजा मिले ताकि भविष्य में किसी और मां की गोद न सूने।