रायपुर। छत्तीसगढ़ में हाफ बिजली बिल योजना को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। अब उपभोक्ताओं को केवल 100 यूनिट तक ही बिजली बिल में हाफ की छूट मिलेगी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा लागू की गई 400 यूनिट तक छूट की सीमा को समाप्त कर दिया गया है। इस निर्णय के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस ने इसे जनता के साथ छलावा करार दिया है और भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
राज्य सरकार के इस निर्णय के अनुसार, घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक हाफ बिजली बिल का लाभ मिलेगा, जबकि इसके बाद की खपत पर पूरी दर से बिल वसूला जाएगा। पूर्व में यह सीमा 400 यूनिट थी, जिससे बड़ी संख्या में मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिलती थी।
कांग्रेस प्रवक्ताओं ने सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा ने जनता से किए वादों को दरकिनार कर दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि इससे आम लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ेगा और बिजली बिलों में अचानक बढ़ोत्तरी का सामना करना पड़ेगा।
सरकार की ओर से तर्क दिया गया है कि राज्य की वित्तीय स्थिति और बिजली विभाग पर बढ़ते भार को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा ने चुनाव से पहले मुफ्त बिजली और जनहित योजनाओं को जारी रखने का वादा किया था, जिसे अब सरकार भूल गई है।
इस फैसले को लेकर विपक्ष ने सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। वहीं, सरकार ने कहा है कि जरूरतमंदों को लक्षित कर योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।