रायपुर। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS कोर्स में दाखिला लेने की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर है। मेडिकल यूजी प्रवेश नियम 2025 में बड़ा बदलाव किया गया है, जिसके तहत अब काउंसलिंग के दूसरे या आखिरी राउंड में सीट छोड़ना छात्रों के लिए भारी पड़ सकता है। यदि छात्र सीट छोड़ते हैं, तो उन्हें 20 से 25 लाख रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा। यह कदम सीट ब्लॉकिंग रोकने और योग्य छात्रों को अवसर दिलाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पहले राउंड में सीट मिली तो एडमिशन अनिवार्य, अपग्रेडेशन का विकल्प रहेगा
नए नियमों के मुताबिक, यदि किसी छात्र को काउंसलिंग के पहले राउंड में किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट आवंटित होती है, तो उसे अनिवार्य रूप से वहां एडमिशन लेना होगा। यदि छात्र ऐसा नहीं करता है, तो वह पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा। हालांकि, छात्रों को एडमिशन के बाद बेहतर कॉलेज के लिए अपग्रेडेशन का विकल्प दिया जाएगा, जिसके लिए डीएमई (डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन) अलग से मौका देगा।
सीट छोड़ने पर क्यों लगाया गया है भारी जुर्माना?
मेडिकल काउंसलिंग में सीट ब्लॉकिंग की समस्या को खत्म करने के लिए यह सख्त प्रावधान किया गया है। अकसर छात्र काउंसलिंग के दूसरे या आखिरी राउंड में सीट लेकर छोड़ देते हैं, जिससे वह सीट मॉप-अप और स्ट्रे राउंड तक खाली रह जाती है। इससे योग्य छात्र दाखिले से वंचित रह जाते हैं और सीटें बर्बाद होती हैं। अब जो छात्र सीट छोड़ेंगे, उन्हें 20 से 25 लाख रुपये का जुर्माना (बॉन्ड राशि) भरना होगा।
रजिस्ट्रेशन बढ़े, लेकिन सीटें घटीं
इस बार MBBS में एडमिशन के लिए छात्रों की रजिस्ट्रेशन संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले साल जहां 5900 छात्रों ने आवेदन किया था, वहीं इस बार यह संख्या बढ़कर 6200 हो गई है। बावजूद इसके प्रदेश में MBBS की सीटों की संख्या में 180 की कमी आई है।
- रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज में ‘जीरो ईयर’ घोषित होने के कारण 150 सीटें घट गईं।
- सिम्स (CIMS) बिलासपुर में फैकल्टी और सुविधाओं की कमी के चलते 30 सीटें कम की गईं।
अब प्रदेश के 10 सरकारी और 4 निजी मेडिकल कॉलेजों में कुल 1980 MBBS सीटें ही शेष हैं।
काउंसलिंग में शामिल होने से पहले जान लें ये बातें
- दस्तावेज तैयार रखें: आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए जाति प्रमाण पत्र और छत्तीसगढ़ निवासी प्रमाण पत्र अनिवार्य है। सामान्य वर्ग के लिए भी मूल निवासी प्रमाण पत्र जरूरी है।
- अधूरे दस्तावेज पर प्रवेश नहीं: यदि किसी छात्र के दस्तावेज अधूरे होंगे तो उसे एडमिशन से वंचित कर दिया जाएगा।
- अंतिम राउंड में स्वयं उपस्थित होना जरूरी: अंतिम सीट आवंटन के समय छात्र को स्वयं उपस्थित होना अनिवार्य होगा, अथॉरिटी लेटर मान्य नहीं होगा।
- पंजीयन शुल्क जमा करना अनिवार्य: काउंसलिंग प्रक्रिया में बने रहने के लिए पंजीयन शुल्क और ऑनलाइन शुल्क समय पर जमा करना जरूरी है।
- निजी कॉलेजों में बाहरी छात्रों को मौका: निजी मेडिकल कॉलेजों की मैनेजमेंट कोटा सीटों पर अन्य राज्यों के छात्रों को भी प्रवेश मिल सकेगा।