पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। आयोग अब वोटर लिस्ट में दर्ज नामों का भौतिक सत्यापन घर-घर जाकर करवाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि मतदाता सही पते पर रह रहा है या नहीं।
यह फैसला उन लगातार आरोपों के बीच लिया गया है जिसमें विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने और वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाने की शिकायतें की थीं। आयोग का यह कदम मतदाता सूची को पूरी तरह से सही, निष्पक्ष और अद्यतन करने की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास माना जा रहा है।
क्या है आयोग की योजना?
बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) प्रत्येक घर जाकर मतदाताओं से मिलेंगे।
नाम और पते का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
गलत या फर्जी पते पर दर्ज नाम हटाए जाएंगे।
योग्य और छूटे हुए मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे।
यह प्रक्रिया केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि वास्तविक सुधार की बड़ी पहल होगी।
एक अधिकारी के अनुसार, ऐसा गहन सत्यापन 2004 के बाद पहली बार हो रहा है। तब के बाद यह सबसे बड़ी और सख्त प्रक्रिया मानी जा रही है। इस बार आयोग की प्राथमिकता है कि कोई भी गलत नाम सूची में न रहे और कोई भी योग्य मतदाता सूची से न छूटे।
सभी राजनीतिक दल रख सकेंगे निगरानी
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया की निगरानी का पूरा अधिकार दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि मतदाता सूची की यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और विश्वास योग्य हो।