दुर्ग। थानों में दर्ज मामलों की विवेचना पूरी कर अभियोग पत्र अदालत में पेश किए जाने के बावजूद सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) पोर्टल पर IIF (इन्फॉर्मेशन इंटरचेंज फॉर्म) की एंट्री नहीं होने से दुर्ग जिले में बड़ी संख्या में फॉर्म पेंडिंग थे। इस तकनीकी चुनौती से निपटने के लिए दुर्ग पुलिस द्वारा एक नवाचार करते हुए क्लाइंट एंड सर्वर सिस्टम विकसित कर सीसीटीएनएस कार्यालय में स्थापित किया गया, जिससे इस कार्य को गति मिली है।
इस सिस्टम की मदद से अब एक साथ 12 सीसीटीएनएस ऑपरेटर डाटा एंट्री कर रहे हैं, जिससे लंबित IIF फॉर्म की संख्या में काफी कमी आई है। पुलिस महानिदेशक ने इस पहल की सराहना करते हुए अन्य जिलों में भी इस प्रणाली के उपयोग और ऑपरेटरों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए हैं।
इसी क्रम में पुलिस नियंत्रण कक्ष, दुर्ग में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें रायपुर, बालोद, बेमेतरा और दुर्ग जिलों से 45 सीसीटीएनएस ऑपरेटर शामिल हुए। उन्हें आरक्षक काशी बरेठ (क्रमांक 897), सीसीटीएनएस ऑपरेटर, दुर्ग द्वारा नए सिस्टम के तकनीकी पक्षों और IIF एंट्री की प्रक्रिया पर प्रशिक्षित किया गया।
कार्यशाला में उप पुलिस अधीक्षक (लाईन) चंद्रप्रकाश तिवारी, रक्षित निरीक्षक नीलकंठ वर्मा और उप निरीक्षक संकल्प राय भी उपस्थित रहे।
इस तकनीकी नवाचार से पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, गति और दक्षता बढ़ने की उम्मीद है।