केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने ओला, उबर इंडिया और रैपिडो जैसे प्रमुख राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म्स को उनके ‘एडवांस टिपिंग’ फीचर को लेकर नोटिस जारी किया था। एक महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद यह फीचर इन प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय बना हुआ है, जिससे उपभोक्ताओं में नाराजगी का माहौल बन गया है।
क्या है एडवांस टिपिंग फीचर?
यह फीचर यूजर्स को उनकी राइड शुरू होने से पहले ही ड्राइवर को टिप देने का विकल्प प्रदान करता है। कई उपभोक्ताओं ने इस प्रैक्टिस को ‘मिसलीडिंग’ और ‘अनफेयर’ बताया है, क्योंकि उन्हें बिना स्पष्ट सहमति के टिप देने के लिए उकसाया जाता है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूजर्स को यह दबाव महसूस हो रहा है कि ड्राइवर राइड को स्वीकार तभी करेंगे जब टिप दी जाएगी, और कई बार तो ट्रिप कैंसिल होने या कैश पेमेंट की मांग करने जैसी समस्याएं भी सामने आ रही हैं।
बढ़ती शिकायतें और सरकार की चिंता
न केवल आम यूजर्स, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) और रेडिट पर भी इस फीचर को लेकर असंतोष व्यक्त किया गया है। कई यूजर्स ने कहा कि टिप अपने आप जुड़ जाती है या उसे निकालना मुश्किल हो जाता है। इस पर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए सरकार की ओर से इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही थी।
नम्मा यात्री का संदर्भ
दिलचस्प बात यह है कि कुछ आरोपों के मुताबिक, नम्मा यात्री ने सबसे पहले बेंगलुरु में इस एडवांस टिपिंग सिस्टम को पेश किया था, जिसके बाद ओला, उबर और रैपिडो ने भी इसे अपनी सेवाओं में लागू किया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि नम्मा यात्री को सीसीपीए से कोई नोटिस मिला है या नहीं।
सीसीपीए की जांच और आगामी कदम
सीसीपीए ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन 22 जून तक इसके परिणाम पर कोई अपडेट जारी नहीं किया गया था। साथ ही, सीसीपीए ने यह भी कहा है कि यदि अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी ऐसी ही प्रैक्टिस पाई जाती है, तो उन्हें भी नोटिस जारी किया जाएगा।
इस बीच, ओला, उबर, रैपिडो, और नम्मा यात्री प्लेटफॉर्म्स पर टिपिंग ऑप्शन अभी भी उपलब्ध हैं, और यह सवाल उठता है कि क्या सरकार जल्द ही इन प्लेटफॉर्म्स पर सख्त कार्रवाई करेगी।