सुप्रीम कोर्ट ने भूपेश बघेल को दी हाईकोर्ट जाने की नसीहत, याचिका पर सुनवाई से किया इंकार

रायपुर | छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का रुख करने की सलाह दी। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि संबंधित प्रावधान में कोई खामी नहीं है, यदि इसका दुरुपयोग हो रहा है तो प्रभावित व्यक्ति हाईकोर्ट में शिकायत कर सकता है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच प्रक्रिया और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में ईडी की जांच को चुनौती दी थी। उन्होंने पीएमएलए की धारा 44 के ‘रीड डाउन’ की मांग की थी।

भूपेश बघेल ने ईडी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ईडी पुराने मामलों को बार-बार खोलकर पूछताछ कर रही है, जबकि अगर कार्रवाई करनी थी तो वह पहले होती। उन्होंने आरोप लगाया कि कई ऐसे लोग हैं जिनके खिलाफ नॉन-बेलेबल वारंट पहले जारी है और वे खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन उनके बेटे की गिरफ्तारी उन्हीं के बयानों पर हुई।

इस मामले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पर प्रदेश के कथित शराब घोटाले का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। ईडी के अनुसार 2019-22 के बीच राज्य में 2100 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ था, जिसका प्रबंधन चैतन्य ने किया। साथ ही 16.7 करोड़ रुपये का उपयोग अपनी रियल एस्टेट परियोजना के विकास में किया।

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