आयुक्त का औचक निरीक्षण, लापरवाही पर सुपरवाइजर्स व सफाई दरोगा का वेतन काटने निर्देश,बोले,सफाई व्यवस्था में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी

दुर्ग/ नगर पालिक निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल ने मंगलवार को सुबह वार्ड 17, स्टेशन वार्ड और रेलवे स्टेशन लाइन वार्ड का अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सफाई व्यवस्था में लापरवाही और ढिलाई देखने को मिली।इस पर आयुक्त ने सुपर दरोगा को कड़ी फटकार लगाते हुए अंतिम चेतावनी दी और साफ कहा कि काम में लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

लापरवाह अमले पर कार्रवाई

निरीक्षण के दौरान क्षेत्र में गंदगी और सफाई व्यवस्था ठीक न मिलने पर आयुक्त सुमित अग्रवाल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सफाई दरोगा, एमसीसी स्टॉप के कर्मचारियों और सुपरवाइजर्स का दो दिन का वेतन काटने के आदेश दिए। उन्होंने द्वितीय पाली में कार्यरत सभी सुपरवाइजर्स और हेल्पर्स की हाजिरी की जांच कराई और सात दिन के वेतन की कटौती के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। आयुक्त ने कहा कि सफाई कार्य जनता की पहली आवश्यकता है और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई शहर की छवि को खराब करती है।

दुकानदारों पर भी सख्ती

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने किराना दुकानदारों को भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि दुकानदार दुकान के बाहर कचरा न फेंके, ऐसा करने पर तुरंत जुर्माना वसूला जाएगा। निगम की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रत्येक व्यापारी और नागरिक निर्धारित स्थान पर ही कचरा डालें।

डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन पर जोर

आयुक्त सुमित अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए तय किए गए रूट चार्ट का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी मोहल्ले या वार्ड में कचरा संग्रहण में गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित कर्मचारी व सुपरवाइजर पर कार्रवाई की जाएगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना पर भी निरीक्षण

सफाई निरीक्षण के बाद आयुक्त सुमित अग्रवाल प्रधानमंत्री आवास योजना (AHP) के अंतर्गत सरस्वती नगर एवं गणपति विहार पहुँचे। यहाँ पर बनकर तैयार हो चुके मकानों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूर्ण हो चुके मकानों का शीघ्र आधिपत्य पात्र हितग्राहियों को सौंपा जाए, ताकि गरीब एवं जरूरतमंद लोग जल्द अपने घरों में रह सकें।

आयुक्त ने कहा कि निगम का मुख्य उद्देश्य जनता की सुविधाओं को प्राथमिकता देना है और किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की लापरवाही सीधे जनता को प्रभावित करती है। इसलिए अब लापरवाही पर केवल चेतावनी नहीं, बल्कि तुरंत वेतन कटौती और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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