प्रयागराज। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ में सुनवाई शुरू हुई, लेकिन बाद में अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी और अगली तारीख 3 सितंबर तय की।
मामला अमेरिका में सिखों को लेकर राहुल गांधी की कथित टिप्पणी से जुड़ा है। सितंबर 2024 में अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि “भारत में सिखों के लिए माहौल अच्छा नहीं है, क्या वे पगड़ी पहन सकते हैं, कड़ा रख सकते हैं और गुरुद्वारे जा सकते हैं?” उनके इस बयान को भड़काऊ और समाज में विभाजनकारी बताते हुए विरोध हुआ था।
इसके खिलाफ वाराणसी निवासी नागेश्वर मिश्रा ने एमपी-एमएलए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पहले सारनाथ थाने में एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन सफलता न मिलने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया गया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) ने 28 नवंबर 2024 को यह कहते हुए वाद खारिज कर दिया था कि मामला अमेरिका में दिए गए भाषण से जुड़ा है और यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके बाद नागेश्वर मिश्रा ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल की जिसे 21 जुलाई 2025 को विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) की अदालत ने स्वीकार कर लिया।
इसी आदेश को चुनौती देते हुए राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दाखिल की है। राहुल गांधी की ओर से दलील दी गई है कि वाराणसी अदालत का आदेश गलत, अवैध और अधिकार क्षेत्र से बाहर है। साथ ही मांग की गई है कि जब तक हाईकोर्ट में मामला लंबित है, तब तक वाराणसी अदालत के आदेश पर रोक लगाई जाए।