
नई दिल्ली। सावन का महीना आते ही पूरा देश शिवमय वातावरण में डूब जाता है। व्रत, पूजा और हर सोमवार को भगवान शिव की विशेष आराधना का विशेष महत्व होता है। लेकिन क्या केवल व्रत रखना और जलाभिषेक करना ही शिव कृपा पाने के लिए पर्याप्त है? वास्तु और शुद्धता से जुड़ी कुछ बातें ऐसी भी हैं, जिन्हें नजरअंदाज कर देने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता।
इस बार सावन 14 जुलाई से शुरू होकर 4 अगस्त तक चलेगा, और इसमें कुल चार सोमवार (14, 21, 28 जुलाई और 4 अगस्त) पड़ेंगे। इससे पहले अगर कुछ जरूरी बदलाव कर लिए जाएं, तो यह महीना और भी फलदायी हो सकता है।
सावन से पहले करें ये खास तैयारियां:
पूरे घर की सफाई करें
- पूजा का शुभ प्रभाव तभी मिलता है जब घर स्वच्छ हो, खासतौर पर पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें और वहां धूल-मिट्टी न रहने दें।
इन वस्तुओं को घर से हटा दें
- शराब, सिगरेट और किसी भी प्रकार की नशीली वस्तुएं
- लहसुन-प्याज जैसे तामसिक भोजन
ये चीजें घर की पवित्रता को नष्ट करती हैं और शिव आराधना में बाधक मानी जाती हैं।
खंडित मूर्तियां न रखें
अगर घर में कोई टूटी या खंडित मूर्ति है, तो उसे सम्मानपूर्वक पीपल के नीचे रखें या बहते जल में प्रवाहित करें। इनका घर में होना अशुभ माना जाता है।
सावन में करें ये सरल उपाय:
- प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद शिवलिंग पर जल अर्पित करें और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
- घर में तुलसी का पौधा जरूर लगाएं, यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- हर सोमवार को व्रत रखें और शाम को दीपक जलाकर शिवजी की आरती करें।
सावन का आध्यात्मिक महत्व:
यह महीना न केवल व्रत और पूजा का है, बल्कि आत्मशुद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और ईश्वर से गहरा जुड़ाव स्थापित करने का भी समय है। इन छोटे-छोटे बदलावों को अपनाकर आप शिव कृपा के पात्र बन सकते हैं और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार कर सकते हैं।