22 सितंबर से लागू होंगी नई GST दरें, कंपनियां कीमतें घटाने की तैयारी में

नई दिल्ली। सरकार द्वारा 400 से अधिक सामान और सेवाओं पर जीएसटी (GST) घटाने के फैसले के बाद अब कंपनियां उपभोक्ताओं को सीधा लाभ पहुंचाने की तैयारी कर रही हैं। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक्स, होटल, ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी और बीमा समेत कई क्षेत्रों में ग्राहकों को राहत मिलेगी।

इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर

त्योहारी सीजन को देखते हुए कंपनियां दाम घटाने की तैयारी में हैं। उदाहरण के लिए, 20,000 रुपए का एसी पहले 28% जीएसटी यानी 5,600 रुपए टैक्स के बाद 25,600 रुपए का पड़ता था। अब इस पर 18% जीएसटी लगेगा यानी 3,600 रुपए टैक्स लगेगा। इस तरह एसी 2,000 रुपए सस्ता हो जाएगा। डिस्ट्रीब्यूटरों के पुराने स्टॉक के नुकसान की भरपाई कंपनियां करेंगी।

होटल उद्योग

7,500 रुपए तक के होटल रूम पर अब 12% की बजाय 5% जीएसटी लगेगा। यानी 6,000 रुपए के कमरे पर टैक्स 720 रुपए से घटकर 300 रुपए हो जाएगा। मेहमानों को 420 रुपए की सीधी बचत होगी। हालांकि, 22 सितंबर से पहले एडवांस भुगतान करने वाले मेहमानों पर पुरानी दरें ही लागू होंगी।

ऑटोमोबाइल सेक्टर

कारों पर कुल टैक्स कम किया गया है। पहले बड़ी कारों पर 50% टैक्स (28% जीएसटी + 22% सेस) लगता था, अब यह घटकर 40% रह गया है। इससे नई कारें सस्ती हो गई हैं, लेकिन डीलरों के पास पुराने टैक्स रेट पर खरीदी गई गाड़ियों के स्टॉक से भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि पहले चुकाया गया सेस वापस नहीं लिया जा सकता।

FMCG कंपनियां

इस सेक्टर की कंपनियां ₹5 और ₹10 वाले पैक की कीमत घटाने की बजाय पैक का साइज बढ़ा सकती हैं। अन्य प्रोडक्ट्स पर नए दाम वाले स्टिकर लगाए जाएंगे। निर्माता, डिस्ट्रीब्यूटर और रिटेलर के बीच मूल्य अंतर को क्रेडिट नोट्स के जरिए एडजस्ट किया जाएगा।

हवाई यात्रा

प्रीमियम इकोनॉमी, बिजनेस और फर्स्ट क्लास टिकटों पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। 22 सितंबर से पहले बुक किए गए टिकटों पर पुरानी दरें लागू रहेंगी, जबकि नई बुकिंग पर ज्यादा टैक्स देना होगा।

बीमा क्षेत्र

स्वास्थ्य और जीवन बीमा को जीएसटी से छूट दी गई है। इससे उपभोक्ताओं को करीब 18% की बचत होगी। हालांकि, बीमा कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट खोने की चिंता है। माना जा रहा है कि वे प्रीमियम घटाने की बजाय एक्स्ट्रा वैल्यू-एडेड बेनिफिट जैसे रूम अपडेट या एक्सीडेंट कवर देने का विकल्प चुनेंगी।

सरकार की सख्त निगरानी

सरकार ने साफ किया है कि टैक्स कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुँचना चाहिए। इसके लिए कंपनियों को अपने बिलिंग सिस्टम, सॉफ्टवेयर और पॉइंट-ऑफ-सेल मशीनों को अपडेट करना होगा। साथ ही, पुराने और नए टैक्स रेट के बीच संतुलन बनाने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स के साथ समन्वय करना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *