दुर्ग/लोकतंत्र प्रहरी/ शनिवार 6 सितंबर को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर अनंत चतुर्दशी मनाई गई.यह दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है।इस अवसर पर देशभर में स्थापित गणेश प्रतिमाओं का विर्सजन विधि-विधान पूर्वक नदी और तालाबों में बनाए गए कुंड में किया गया।
शनिवार को सुबह से दुर्ग शहर के शिवनाथ नदी में गणेश उत्सव समितियों की भीड़ उमड़ी रही .इसके अलावा घरों में स्थापित गणेश प्रतिमाओं का भी विसर्जन किया गया.आपको बता दे,दुर्ग भिलाई सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों से भी विसर्जन के लिए प्रतिमाए लायी गई.इसके अलावा बड़ी प्रतिमाओं का भी विसर्जन किया गया .आपको बता दे, जिला प्रशासन और नगर निगम ने शिवनाथ नदी में क्रेन की व्यवस्था की थी इसके अलावा सुरक्षा के लिहाज से एसडीआरएफ की टीम और गोताखोरों की टीम भी मौजूद थी.
देर राततक प्रतिमा विसर्जन का दौर चलता रहा .इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात की गई थी. आपको बता दे, नदी के अलावा शहर के प्रमुख तालाबों में भी कुण्ड बनाकर विसर्जन की व्यवस्था की गई थी.इसी क्रम में दुर्ग धमधा चिखली स्थित एस आर हास्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में स्थापित गणेश जी की प्रतिमा का जेवरा सिरसा स्थित शिवनाथ नदी में विधि विधान के साथ विसर्जन किया गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए एस आर हास्पिटल के डॉ.संजय तिवारी ने लोकतंत्र प्रहरी के संवाददाता को बताया कि गणेश चतुर्थी का पर्व सनातन धर्म में बड़ा महत्व रखता है।गणेश पूजन से ही सारे मांगलिक कार्य की शुरुआत की जाती है.