बिलासपुर | बिलासपुर में मेडिकल कॉलेज में MBBS दाखिले के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सुहानी सिंह, श्रेयांशी गुप्ता और भव्या मिश्रा का दाखिला फर्जी EWS सर्टिफिकेट के आधार पर किया गया था, जिसे वेरिफिकेशन में पकड़ लिया गया। इसके बाद प्रशासन ने तीनों छात्राओं का प्रवेश रद्द कर दिया।
नीट परीक्षा पास करने के बाद तीनों छात्राओं ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे के तहत प्रवेश के लिए प्रमाणपत्र जमा किए थे। लेकिन तहसील कार्यालय की जांच में यह दस्तावेज पूरी तरह फर्जी पाए गए। तहसीलदार गरिमा ठाकुर ने पुष्टि की कि प्रस्तुत प्रमाणपत्रों पर लगे हस्ताक्षर और सील नकली थे। जांच में यह भी सामने आया कि बिलासपुर तहसील कार्यालय में इन छात्राओं के नाम से कोई आवेदन या प्रकरण दर्ज ही नहीं था।
EWS सर्टिफिकेट की पात्रता के अनुसार सालाना पारिवारिक आय 8 लाख से कम होनी चाहिए, नगर सीमा में 1,000 वर्गफुट से कम मकान और पांच एकड़ से कम कृषि भूमि होनी चाहिए। यह प्रमाणपत्र सिर्फ एक वर्ष के लिए मान्य होता है और स्कूल-कालेज एडमिशन व सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देता है।
फर्जी दस्तावेज जमा करने के मामले के सामने आने के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया और तीनों छात्राओं का MBBS प्रवेश निरस्त कर दिया।