भिलाईनगर। दुर्ग जिले में आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिले के 23 थानों से जुटाए गए आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष औसतन 500 से अधिक लोग आत्महत्या कर रहे हैं। वर्ष 2023 में 506, वर्ष 2024 में 508 और वर्ष 2025 में अगस्त तक ही 326 लोग अपनी जान दे चुके हैं। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि साल के अंत तक यह आंकड़ा फिर 500 पार कर सकता है।
10 सितंबर को वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे के अवसर पर विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते परिवार और करीबी लोग सतर्क हो जाएं तो कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है।
आत्महत्या के प्रमुख कारण (23 थानों से मिले आंकड़े)
- घरेलू विवाद – 181
- स्वास्थ्यगत कारण – 65
- नशाखोरी – 51
- आर्थिक तंगी – 61
- मानसिक अवसाद – 23
- प्रेम-प्रसंग – 21
- मानसिक रोग – 21
- अज्ञात कारण – 934
कुल (2023–2025 अगस्त तक): 1340 मामले
हाल के कुछ मामले
- जुलाई: भिलाई-3 न्यायालय में पदस्थ कर्मचारी ने कोर्ट रूम में फांसी लगाई, काम का दबाव बताया।
- अगस्त: 17 वर्षीय नाबालिग ने प्रेम-प्रसंग में धोखा मिलने के बाद फांसी लगाई।
- अप्रैल: 12वीं की छात्रा ने बोर्ड परीक्षा बिगड़ने के कारण आत्महत्या की।
- जनवरी: भिलाई-3 कॉलेज के लैब टेक्निशियन (भूतपूर्व सैनिक) ने कर्ज से परेशान होकर जान दे दी।
- हाल ही में: एक शादीशुदा महिला ने अपने दो बेटियों को बाहर कर आत्महत्या कर ली, कारण अज्ञात।
ऐसे बदलाव दिखें तो हो जाएं सावधान
- अचानक से व्यवहार बदलना
- नशे की लत बढ़ जाना
- गुमसुम रहना और अकेलापन पसंद करना
- हर बात पर नकारात्मक सोच
- जीवन को बेकार समझना
बचाव के उपाय
- तनाव होने पर मानसिक रोग विशेषज्ञ से मिलें।
- अवसादग्रस्त व्यक्ति के साथ पॉजिटिव बातचीत करें।
- अकेले न छोड़ें और परिवार का साथ दें।
- रोजाना योग और ध्यान की आदत डालें।
- जरूरत पड़ने पर साइकोलॉजिस्ट और नेशनल हेल्पलाइन से मदद लें।
दुर्ग एसएसपी विजय अग्रवाल ने कहा, “आत्महत्या के पीछे पारिवारिक तनाव, रिश्तों में खींचतान और नशा बड़े कारण हैं। परिवार परामर्श केंद्र को आधुनिक किया गया है ताकि ऐसे मामलों को समय रहते रोका जा सके।“