काठमांडू। नेपाल की राजनीति में बड़ा उलटफेर सामने आया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और 10 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद देश की कमान सेना के हाथों में पहुंच चुकी है। इस बीच नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के लिए लगभग तय माना जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, जनरेशन-जेड (Gen-Z) की एक वर्चुअल मीटिंग में सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम पद के लिए सर्वसम्मति से प्रस्तावित किया गया। इस ऑनलाइन बैठक में करीब 5,000 लोगों ने हिस्सा लिया और उनके नाम पर सहमति बनी।
नेपाल में हालात
सोशल मीडिया बैन के खिलाफ नेपाल में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। अब तक करीब 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल बताए जा रहे हैं। हालात तख़्तापलट जैसे बन गए हैं और सेना ने सत्ता संभाल ली है।
कौन हैं सुशीला कार्की?
- 73 वर्षीय सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला जज और पहली महिला चीफ जस्टिस रही हैं।
- उनका जन्म 7 जून 1952 को बिराटनगर में हुआ।
- 11 जुलाई 2016 को वे नेपाल सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस बनीं, लेकिन लगभग एक साल बाद, 30 अप्रैल 2017 को उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया और उन्हें पद से हटाया गया।
- कार्की अपने माता-पिता की सात संतानों में सबसे बड़ी हैं।
- उन्होंने 1972 में बिराटनगर के महेंद्र मोरांग कैंपस से बीए, 1975 में बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में मास्टर और 1978 में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की।
- 1979 से उन्होंने वकालत की शुरुआत की और न्यायपालिका में अलग पहचान बनाई।
राजनीतिक संकट के इस दौर में नेपाल की बागडोर पहली महिला चीफ जस्टिस रही सुशीला कार्की के हाथों में आने की संभावना से नई दिशा की उम्मीद जताई जा रही है।