वाशिंगटन |अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही खुद को 6-7 युद्ध रोकने का श्रेय देते हुए नोबेल शांति पुरस्कार का प्रबल दावेदार बता रहे हों, लेकिन नॉर्वे की नोबेल कमेटी उनके इन दावों से प्रभावित नहीं दिख रही है।
कमेटी के सचिव क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने स्पष्ट किया कि नोबेल कमेटी किसी भी बाहरी दबाव में नहीं आती और अपने स्थापित मानकों के अनुसार स्वतंत्र और स्वायत्त निर्णय ही लेती है। उन्होंने कहा, “मीडिया में किसी खास उम्मीदवार के बारे में चर्चा हो सकती है, लेकिन इसका हमारे फैसले पर कोई असर नहीं पड़ता।”
ट्रंप ने जनवरी में सत्ता में वापसी के बाद कई मंचों पर कहा कि उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का उदाहरण देते हुए कहा कि ओबामा को यह सम्मान बहुत जल्दी मिल गया था। ट्रंप का दावा है कि उन्होंने रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास के संघर्ष सहित कई युद्ध रुकवाए हैं और उन्हें इन संघर्षों को समाप्त करने की क्षमता है।
नोबेल कमेटी ने साफ कर दिया है कि ट्रंप या किसी अन्य सार्वजनिक दावों से उनकी निर्णय प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी।