Jivitputrika Vrat। हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) का विशेष महत्व है। यह व्रत माताएं अपनी संतान की दीर्घायु, स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना के लिए करती हैं। इसे जितिया व्रत या जितिया के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश की महिलाएं करती हैं, वहीं नेपाल में भी इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
जितिया व्रत 2025 की तिथि और समय
- व्रत की तिथि: 14 सितंबर 2025, रविवार
- अष्टमी तिथि प्रारंभ: 14 सितंबर सुबह 05:04 बजे
- अष्टमी तिथि समाप्त: 15 सितंबर सुबह 03:06 बजे
जितिया पूजा मुहूर्त 2025
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:33 AM – 05:19 AM
- प्रातः सन्ध्या: 04:56 AM – 06:05 AM
- अभिजित मुहूर्त: 11:52 AM – 12:41 PM
- विजय मुहूर्त: 02:20 PM – 03:09 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 06:27 PM – 06:51 PM
- सायाह्न सन्ध्या: 06:27 PM – 07:37 PM
- अमृत काल: 11:09 PM – 12:40 AM (15 सितंबर)
- निशिता मुहूर्त: 11:53 PM – 12:40 AM (15 सितंबर)
- रवि योग: 06:05 AM – 08:41 AM
जितिया व्रत पूजा विधि
- सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- घर के मंदिर में धूप-दीप जलाकर भगवान की आरती करें और भोग लगाएं।
- मिट्टी और गोबर से चील और सियारिन की मूर्तियां बनाएं।
- कुशा से बने जीमूतवाहन की प्रतिमा स्थापित कर धूप, दीप, चावल और पुष्प अर्पित करें।
- विधि-विधान से पूजा करें और जितिया व्रत कथा का श्रवण करें।
जितिया व्रत का महत्व
मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान की लंबी उम्र, निरोगी जीवन, तेजस्विता और सुख-समृद्धि बनी रहती है। जो माताएं पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ यह व्रत करती हैं, उनकी संतान पर भगवान का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।