पितृ पक्ष त्रयोदशी विशेष: मासिक शिवरात्रि व शुक्र प्रदोष व्रत के साथ करें पितरों का तर्पण

दैनिक पंचांग के अनुसार आज शुक्रवार, 19 सितंबर 2025 को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज पितृ पक्ष का त्रयोदशी श्राद्ध किया जाएगा, साथ ही शुक्र प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का भी शुभ योग बन रहा है।

पितृ पक्ष त्रयोदशी श्राद्ध

पुराणों के अनुसार त्रयोदशी तिथि पर उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु त्रयोदशी को हुई हो या जिनकी मृत्यु तिथि अज्ञात हो। विशेष रूप से अल्पायु पितरों और मृत बच्चों (दो वर्ष से अधिक आयु) का श्राद्ध इस दिन किया जाता है।

श्राद्ध के दौरान तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मण भोज का आयोजन कर पितरों को अन्न-जल का भोग लगाया जाता है।
पार्वण श्राद्ध के लिए कुतुप मुहूर्त (सुबह 11:30 से 12:42) और रौहिण मुहूर्त शुभ माने गए हैं। अनुष्ठान अपराह्न काल तक पूरे कर अंत में तर्पण करने का महत्व है।

शुक्र प्रदोष व्रत

इसी दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से सौंदर्य, सुख, धन और वैवाहिक जीवन की सुख-शांति के लिए लाभकारी माना जाता है। प्रदोष काल में भगवान शिव की विधिवत पूजा से ग्रह दोष दूर होते हैं और घर में लक्ष्मी का वास होता है।

मासिक शिवरात्रि

आज मासिक शिवरात्रि का भी योग है, जो हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। भगवान शिव की आराधना और व्रत रखने से सुख-समृद्धि और मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मिलता है।

ग्रह स्थिति व शुभ समय
  • विक्रम संवत: 2082, शाके: 1947
  • सूर्योदय: 5:56 बजे, सूर्यास्त: 6:00 बजे
  • चंद्र राशि: कर्क
  • सूर्योदयकालीन नक्षत्र: आश्लेषा (सुबह 7:05 बजे तक), फिर मघा
  • शुभ चौघड़िया: चर 5:52–7:02, लाभ 7:24–8:55, अमृत 8:55–10:26, शुभ 11:58–1:29
  • राहुकाल: 10:27–11:58
  • दिशाशूल: पश्चिम (यात्रा से पहले खीर या जौ का सेवन शुभ)

आध्यात्मिक संदेश:
“ऊँ आद्यंत रहिते देवी आदि शक्ति महेश्वरी योगजे योग सम्भूते महालक्ष्मी नमोस्तुते ह्रीं श्रीं”
आज का दिन पितरों की शांति, शिव आराधना और परिवार की समृद्धि के लिए विशेष फलदायी है।

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