Sarvapitra Amavasya 2025: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या और आश्विन अमावस्या इस वर्ष शनिवार, 11 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन दुर्लभ सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। दृक पंचांग के अनुसार अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:50 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक रहेगा, जबकि राहुकाल का समय शाम 4:48 से 6:19 बजे तक होगा।
इस दिन सूर्य कन्या राशि में रहेंगे और चंद्रमा दोपहर 3:57 बजे तक सिंह राशि में रहकर बाद में कन्या राशि में प्रवेश करेंगे।
महत्व और धार्मिक मान्यता
गरुड़ पुराण के अनुसार, अमावस्या तिथि पर श्राद्ध उन सभी पूर्वजों के लिए किया जाता है जिनकी मृत्यु अमावस्या, पूर्णिमा या चतुर्दशी तिथि को हुई हो। यदि कोई सभी तिथियों पर श्राद्ध करने में असमर्थ हो, तो सर्वपितृ अमावस्या पर सभी पितरों का श्राद्ध कर सकता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए श्राद्ध से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
पूजन-विधि और उपाय
- प्रातःकाल पवित्र नदी में स्नान करें या गंगाजल मिले जल से स्नान करें।
- पितरों के निमित्त तर्पण और पिंडदान करें।
- गाय, कुत्ते, कौवे, देवताओं और चींटियों को भोजन अर्पित करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
- पीपल के पेड़ की पूजा करें, सात परिक्रमा लगाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- मंदिर परिसर या घर के बाहर पीपल का पौधा लगाना भी शुभ माना गया है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
ज्योतिष के अनुसार सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। इस विशेष योग का समय 11 सितंबर की सुबह 6:04 बजे से दोपहर 1:58 बजे तक रहेगा।
विशेषज्ञों की सलाह है कि इस दिन विधि-विधान से श्राद्ध करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।