नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस अवसर पर एक विशेष स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी किया जाएगा, जो संगठन के राष्ट्र के प्रति योगदान को दर्शाएगा।
आरएसएस का परिचय
आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 में नागपुर में केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। इसे स्वयंसेवक-आधारित संगठन के रूप में स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य नागरिकों में सांस्कृतिक जागरूकता, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना था।
बयान में कहा गया:
“आरएसएस राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए एक अद्वितीय जन-पोषित आंदोलन है। इसका उदय विदेशी शासन के विरोध और भारत के राष्ट्रीय गौरव से जुड़े दृष्टिकोण की भावनात्मक प्रतिध्वनि के रूप में हुआ।”
प्रधानमंत्री मोदी स्वयं पहले आरएसएस प्रचारक रह चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से पहले संगठन में एक कुशल नेतृत्वकर्ता के रूप में पहचान बना चुके थे। इस समारोह में मोदी संगठन की ऐतिहासिक उपलब्धियों और राष्ट्र निर्माण में योगदान पर भी प्रकाश डालेंगे।
इस अवसर पर जारी स्मारक डाक टिकट और सिक्का आरएसएस के सौ वर्षों के योगदान का प्रतीक होंगे और जनता के लिए उपलब्ध होंगे।