तीन साल की खामोशी के बाद RIC में हलचल, रूस-चीन सक्रिय, भारत अभी मौन

नई दिल्ली। रूस, भारत और चीन के त्रिपक्षीय समूह RIC (Russia-India-China) को तीन साल बाद एक बार फिर से सक्रिय करने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। रूस की इस पहल को चीन ने खुला समर्थन दिया है, जबकि भारत ने स्पष्ट किया है कि इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।

RIC तंत्र को तीनों देशों के बीच वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर रणनीतिक संवाद के एक अहम मंच के रूप में देखा जाता है। हालांकि, 2021 के बाद भारत-चीन सीमा विवाद और कोविड-19 महामारी के चलते इसकी कोई बैठक नहीं हो सकी।

अब रूस इस मंच को फिर से जीवित करने के लिए प्रयासरत है। रूसी उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने कहा है कि वे भारत और चीन के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं, और उम्मीद है कि RIC की बैठक जल्द फिर से शुरू होगी।

इस पहल पर चीन ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि,

“RIC तंत्र न केवल तीनों देशों के लिए उपयोगी है, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। चीन इस मंच को फिर से सक्रिय करने के लिए भारत और रूस के साथ सहयोग को तैयार है।”

वहीं भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान दिया कि,

“RIC बैठक को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। तीनों देश समय और परिस्थिति के अनुसार अपने हितों को ध्यान में रखते हुए बातचीत करते हैं। यदि बैठक होती है, तो उचित समय पर इसकी जानकारी दी जाएगी।”

ब्रिक्स के संस्थापक देशों में शामिल ये तीनों देश, RIC मंच के जरिए एशिया में सामरिक संतुलन, बहुपक्षीयता को बढ़ावा देने और वैश्विक मुद्दों पर सामूहिक दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में काम करते हैं। ऐसे में रूस और चीन की ओर से मिले सकारात्मक संकेतों के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि RIC संवाद एक बार फिर से शुरू हो सकता है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता और रणनीतिक संतुलन को नई दिशा मिल सकती है।

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