रायपुर। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में ‘‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’’ को सफल बनाने वाले सुरक्षा बलों के वीर जवानों से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया। इस ऐतिहासिक अभियान में सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा बटालियन ने हिस्सा लिया था। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे।
गृह मंत्री अमित शाह ने जवानों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि ‘‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’’ नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगा। उन्होंने बताया कि दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों, भीषण गर्मी, ऊँचाई और हर कदम पर आईईडी के खतरों के बावजूद सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के बेस कैंप और सप्लाई चेन को ध्वस्त कर दिया।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि जब तक सभी नक्सली आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएँ या समाप्त न हो जाएँ, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत को 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नक्सलवाद ने वर्षों तक देश के पिछड़े इलाकों को विकास से वंचित रखा, स्कूल और अस्पताल बंद कर दिए और सरकारी योजनाओं को गरीबों तक नहीं पहुँचने दिया। लेकिन अब सुरक्षा बलों के पराक्रम और सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति से हालात बदल रहे हैं। शाह ने कहा, “पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के साढ़े छह करोड़ लोगों के जीवन में नया सूर्योदय हो रहा है।”
गृह मंत्री ने आश्वासन दिया कि नक्सलविरोधी अभियानों में गंभीर रूप से घायल हुए जवानों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी ताकि उनका जीवन सम्मानपूर्वक और सुरक्षित तरीके से चल सके।
‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ की सफलता ने न केवल नक्सलियों की कमर तोड़ी है, बल्कि 2026 तक नक्सलवाद मुक्त भारत की दिशा में बड़ा और निर्णायक कदम भी साबित हुआ है।