महिलाओं पर टिप्पणी कर घिरे अनिरुद्धाचार्य, तर्क देकर सफाई में मांगी माफी

नई दिल्ली। प्रसिद्ध धार्मिक कथावाचक अनिरुद्धाचार्य इन दिनों अपने विवादास्पद बयान को लेकर चौतरफा घिर गए हैं। एक धार्मिक प्रवचन के दौरान उन्होंने 14 साल की उम्र में लड़कियों की शादी को उचित ठहराते हुए महिलाओं और वर्तमान समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी, जिसके बाद देशभर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। महिला संगठनों ने उनके बयान को महिला अपमान, सामाजिक मर्यादा और भारतीय संविधान के खिलाफ बताते हुए तीखा आक्रोश जताया है।

क्या कहा अनिरुद्धाचार्य ने?

अपने प्रवचन में अनिरुद्धाचार्य ने कहा,
“पहले 14 वर्ष की उम्र में शादी हो जाती थी तो वे परिवार में घुल-मिल जाती थीं।”
यहीं नहीं, उन्होंने आगे कहा,
“कुछ लड़कियां लिव-इन में रहकर या कई रिश्ते बनाकर चार जगह मुँह मारकर जब किसी घर की बहू बनती हैं, तो क्या वे उस रिश्ते को निभा पाएंगी?”

उनकी इस टिप्पणी के वायरल होते ही सामाजिक संगठनों, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और आम जनता में जबरदस्त रोष देखने को मिला है।

देशभर में विरोध की लहर, पुतले जलाए गए

राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में महिला संगठनों ने धरना-प्रदर्शन कर कथावाचक के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। जगह-जगह अनिरुद्धाचार्य के पुतले फूंके गए और उनके बयान को महिला सम्मान पर सीधा हमला करार दिया गया। विरोध करने वालों का कहना है कि यह बयान न केवल महिलाओं का अपमान है, बल्कि भारतीय कानून और सामाजिक मर्यादाओं का भी उल्लंघन है।

कथावाचक की सफाई, “सभी लड़कियों पर नहीं थी टिप्पणी”

विवाद बढ़ता देख अनिरुद्धाचार्य ने अपनी सफाई भी दी है। उन्होंने कहा,
“मेरा उद्देश्य सभी लड़कियों पर टिप्पणी करना नहीं था। मैंने जो कहा, वह एक सामाजिक परिप्रेक्ष्य में था। अगर किसी को ठेस पहुंची हो, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।”
हालांकि उनकी सफाई के बाद भी लोगों में नाराजगी कम नहीं हुई है और सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना लगातार जारी है।

कानून क्या कहता है?

भारत में बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की शादी अवैध है और यह एक दंडनीय अपराध है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार के बयान न केवल गैरकानूनी हैं, बल्कि समाज में बाल विवाह जैसी कुरीतियों को पुनर्जीवित करने की कोशिश हैं, जिससे लड़कियों की स्वतंत्रता और अधिकारों पर आघात होता है।

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