दुबई। भारत ने पाकिस्तान को हराकर बीते रविवार को रिकॉर्ड 9वीं बार एशिया कप अपने नाम किया, लेकिन इस ऐतिहासिक जीत का जश्न अधूरा रह गया। वजह बनी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) प्रमुख मोहसिन नक़वी की विवादित हरकत।
ट्रॉफी देने से किया इनकार
जानकारी के अनुसार, प्रेजेंटेशन सेरेमनी के दौरान नक़वी ने भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और टीम इंडिया को ट्रॉफी सौंपने से इनकार कर दिया। टीम इंडिया भी नक़वी के हाथों ट्रॉफी लेने को तैयार नहीं थी, क्योंकि वह लगातार भारत-विरोधी बयान देते रहे हैं। नतीजतन नक़वी गुस्से में ट्रॉफी उठाकर मंच से चले गए और reportedly उसे अपने होटल रूम में ले गए।
दुबई का सख्त कानून
दुबई में चोरी या किसी की संपत्ति हड़पने पर कड़ा कानून है। ऐसे मामलों में 6 महीने से 3 साल तक की सजा हो सकती है, गंभीर मामलों में 15 साल तक की जेल भी संभव है। अगर बीसीसीआई शिकायत दर्ज कराता है तो नक़वी को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
BCCI का अल्टीमेटम
बीसीसीआई ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए नक़वी को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि वे ट्रॉफी ACC ऑफिस में लौटाएं। अन्यथा दुबई पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जाएगी। इसके साथ ही बीसीसीआई ने यूएई अधिकारियों से भी बातचीत शुरू कर दी है ताकि नक़वी ट्रॉफी लेकर पाकिस्तान न लौट सकें।
ACC बैठक में हंगामा
मंगलवार को हुई ACC बैठक में भी इस मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा हुआ। कई देशों के प्रतिनिधियों ने नक़वी के व्यवहार पर नाराजगी जताई, लेकिन इसके बावजूद वे ट्रॉफी अपने पास रखने पर अड़े रहे।
विवाद की वजह
असल विवाद तब शुरू हुआ जब नक़वी ने यह शर्त रखी कि ट्रॉफी वही भारतीय टीम को देंगे। भारतीय पक्ष ने इसका विरोध करते हुए सुझाव दिया कि यह सम्मान या तो बांग्लादेश के अमीनुल इस्लाम या फिर अमीरात क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष खालिद अल जरूनी को देना चाहिए। लेकिन नक़वी ने प्रस्ताव ठुकराकर ट्रॉफी उठा ली और चले गए।