पुल बहा, छह गांवों का संपर्क टूटा, ग्रामीणों ने निर्माण में लापरवाही का लगाया आरोप

आमाबेड़ा। लगातार बारिश के चलते ग्राम पंचायत निलझर के आश्रित ग्राम बोडागांव में निर्माणाधीन पुल बह जाने से आधा दर्जन गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय आमाबेड़ा और भानुप्रतापपुर, कोरर, चारामा, कांकेर जैसे बड़े कस्बों से टूट गया है। पुल के बह जाने के कारण ग्रामीणों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि पुल निर्माण में गंभीर लापरवाही बरती गई है। उनका कहना है कि जहां डायवर्सन बनाया गया था, वहां मुरुम की बजाय अधिक मात्रा में मिट्टी डाली गई, जिससे डायवर्सन दलदल में तब्दील हो गया। स्थिति यह है कि अब उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। बारिश में बह जाने के कारण डायवर्सन का एक हिस्सा पूरी तरह टूट गया है।

इस समस्या के चलते ग्रामीणों को राशन जैसी जरूरी चीजें लाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि वे राशन लेने के लिए सोसाइटी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। साथ ही, बीमार पड़ने पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीण पुना राम कोरेटी, सगदु कोरेटी, बिनेश मंडावी, मंशा गावड़े और अर्जुन नेताम ने बताया कि जब पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था, तभी उन्होंने निर्माण एजेंसी और सुपरवाइजर को डायवर्सन को मजबूत और अलग से बनाने की मांग की थी। लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी संबंधित सुपरवाइजर को इस समस्या की शिकायत की थी, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब पुल के बह जाने से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी ठप हो गई है।

ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था की जाए और पुल निर्माण कार्य में हो रही लापरवाही की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

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