सूफी संगीत पर गोलियों की बौछार: बलूचिस्तान में साबरी ग्रुप के कव्वालों की नृशंस हत्या

इस्लामाबाद/कलात। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के कलात क्षेत्र में एक बेहद चौंकाने वाली और दुखद घटना में प्रसिद्ध साबरी कव्वाल समूह के तीन सदस्यों की हत्या कर दी गई। ये कलाकार क्वैटा में आयोजित एक शादी समारोह में भाग लेने जा रहे थे, तभी उनकी बस पर बलूच विद्रोही लड़ाकों ने हमला कर दिया।

हमले में 3 की मौत, 14 घायल

यह हमला बुधवार, 16 जुलाई को हुआ, जब साबरी समूह के सदस्य एक निजी बस से क्वैटा की ओर जा रहे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बस में 17 से अधिक लोग सवार थे। हमले में 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 14 अन्य घायल हुए, जिनमें से 3 की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में किया जा रहा है।

विद्रोहियों का दावा: बस में थे ‘जासूस’

स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह हमला सुनियोजित था और बलूच विद्रोहियों ने घात लगाकर बस पर हमला किया। उनका दावा था कि बस में पंजाब से आए सेना के जासूस सवार थे, जिन पर हमला किया गया। हालांकि, बस में अधिकांश लोग साबरी समूह से संबंधित कलाकार और उनके सहयोगी थे। बलूच लड़ाकों की ओर से अब तक इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

संगीतकार मोहम्मद रिजवान की पुष्टि

बस में सवार कराची निवासी संगीतकार मोहम्मद रिजवान ने कहा:

“हम एक शादी समारोह में कव्वाली पेश करने जा रहे थे। मारे गए लोगों में से दो प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी के रिश्तेदार थे।”

कला और संगीत जगत में शोक की लहर

इस घटना से पाकिस्तान ही नहीं, पूरे उपमहाद्वीप के सांस्कृतिक और सूफी संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
साबरी समूह, जिसे आमतौर पर “सबरी ब्रदर्स” के नाम से जाना जाता है, ने दशकों से दुनिया भर में कव्वाली और सूफी संगीत को नई ऊँचाइयाँ दी हैं। समूह की स्थापना गुलाम फरीद साबरी और मकबूल साबरी ने की थी, जिसमें बाद में अमजद साबरी और महमूद गजनवी साबरी भी शामिल हुए।

विश्व मंच पर पहचान

साबरी ग्रुप को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा ‘शिकवा-जवाब-ए-शिकवा’ पर डॉक्टरेट की उपाधि भी मिल चुकी है। इन कलाकारों ने सऊदी अरब के मक्का में नबी की मस्जिद में भी अपनी प्रस्तुति दी थी, जो बहुत दुर्लभ और सम्मानजनक अवसर माना जाता है।

समूह की प्रतिक्रिया

घटना के बाद साबरी समूह ने फिलहाल कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
समूह में इस समय 50 से अधिक सदस्य सक्रिय हैं, जिनमें से अधिकांश साबरी परिवार से ही ताल्लुक रखते हैं।

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