करियर का सुनहरा चांस! DRDO में वैज्ञानिक बनने का मौका, ऐसे भरें आवेदन

नई दिल्ली। यदि आप विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखते हैं तो रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) आपके लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है। भारत की सबसे बड़ी रक्षा अनुसंधान संस्था डीआरडीओ में वैज्ञानिक के रूप में करियर न केवल प्रतिष्ठा देता है, बल्कि शानदार सैलरी और सुविधाएँ भी प्रदान करता है।

आकर्षक सैलरी और सुविधाएँ

डीआरडीओ में वैज्ञानिक-बी (Scientist-B) पद से करियर की शुरुआत होती है। शुरुआती बेसिक सैलरी 56,100 प्रति माह होती है, जो HRA, ट्रैवल अलाउंस और अन्य भत्तों के साथ मिलाकर 80,000 से अधिक इन-हैंड पहुँच जाती है। अनुभव और पदोन्नति के साथ वैज्ञानिकों की मासिक आय 1.3 लाख से 2 लाख तक पहुँच सकती है। इसके साथ पेंशन, मेडिकल सुविधाएँ, रिसर्च फंडिंग और नौकरी की सुरक्षा इस पेशे को और प्रतिष्ठित बनाती हैं।

भर्ती प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड

योग्यता (Eligibility):

  • इंजीनियरिंग/साइंस में स्नातक या परास्नातक डिग्री अनिवार्य।
  • मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से पढ़ाई होनी चाहिए।
  • उम्मीदवारों को GATE स्कोर या DRDO SET परीक्षा पास करनी होगी।

आवेदन प्रक्रिया (Application Process):

  • DRDO की आधिकारिक वेबसाइट drdo.gov.in पर नोटिफिकेशन जारी होता है।
  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और आवेदन पत्र भरना होता है।
  • आवश्यक दस्तावेज और शुल्क जमा करने के बाद आवेदन पूर्ण होता है।

चयन प्रक्रिया (Selection Process):

  • GATE स्कोर या DRDO SET परीक्षा के आधार पर शॉर्टलिस्टिंग।
  • कुछ पदों के लिए लिखित परीक्षा।
  • अंत में व्यक्तिगत इंटरव्यू।

परीक्षा पैटर्न (Exam Pattern):

  • DRDO SET परीक्षा में इंजीनियरिंग और साइंस से जुड़े ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • परीक्षा की अवधि 2–3 घंटे होती है।
  • प्रश्नों का स्तर IIT-GATE परीक्षा के बराबर होता है।
  • ट्रेनिंग और जॉइनिंग:
  • चयनित उम्मीदवारों को वैज्ञानिक-बी के रूप में नियुक्त किया जाता है।
  • शुरुआती महीनों में ट्रेनिंग दी जाती है।
  • इसके बाद विभिन्न रिसर्च सेंटरों और लैब्स में पोस्टिंग दी जाती है।

करियर का सुनहरा अवसर

डीआरडीओ में वैज्ञानिक बनना केवल एक नौकरी नहीं बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा और तकनीकी प्रगति में योगदान का अवसर है। मेहनत और सही दिशा में किए गए प्रयास से यह करियर न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध बनाता है, बल्कि वैज्ञानिक उपलब्धियों की नई ऊँचाइयाँ छूने का मार्ग भी खोलता है।

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