
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रशासनिक हलकों में चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए राज्य सरकार ने एक बार फिर मुख्य सचिव अमिताभ जैन पर भरोसा जताया है। शासन ने उन्हें सेवा विस्तार (एक्सटेंशन) देकर अगले तीन माह तक मुख्य सचिव पद पर बनाए रखने का फैसला लिया है। खास बात यह है कि यह निर्णय ऐसे वक्त में आया है जब राज्य में मुख्य सचिव पद के लिए 7 वरिष्ठ IAS अधिकारियों के नाम चर्चा में थे।
बताया जा रहा है कि आज बुलाई गई कैबिनेट बैठक मूलतः अमिताभ जैन की विदाई के लिए तय थी, लेकिन ऐन वक्त पर केंद्र से आए एक्सटेंशन के आदेशों ने परिदृश्य ही बदल दिया। इसके साथ ही अमिताभ जैन की सेवा अवधि तीन महीने के लिए और बढ़ा दी गई।
क्यों खास हैं अमिताभ जैन?
‘मिस्टर कूल’ की छवि वाले अमिताभ जैन को प्रशासनिक सेवा में उनकी निष्पक्षता, साफ-सुथरी छवि और संतुलित निर्णय क्षमता के लिए जाना जाता है। उन्होंने न तो किसी गुटबाजी में कभी हिस्सेदारी की, न ही किसी सियासी खेमे से नजदीकी दिखाई। यही वजह रही कि वे भूपेश बघेल सरकार में भी मुख्य सचिव रहे और अब विष्णुदेव साय की सरकार में भी उसी पद पर कायम हैं। यह दुर्लभ उदाहरणों में एक है।
राज्य सरकार की भविष्य की योजना
सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार उन्हें सेवा निवृत्ति के पश्चात राज्य का मुख्य सूचना आयुक्त बनाना चाहती है। इसके लिए उन्होंने इंटरव्यू भी दिया था, लेकिन कोर्ट के स्टे के कारण यह प्रक्रिया फिलहाल लंबित है। ऐसे में प्रशासन में स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से उन्हें सेवा विस्तार दिया गया है।
जानें अमिताभ जैन को
- जन्म: 21 जून 1965, दुर्ग
- शिक्षा: दल्ली राजहरा में स्कूली शिक्षा, भोपाल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग, दिल्ली IIT से M.Tech
- IAS बैच: 1989
- प्रारंभिक नियुक्ति: जून 1990, जबलपुर में असिस्टेंट कलेक्टर
- कलेक्टर पद: नीमच, बैकुंठपुर, ग्वालियर, राजगढ़, छतरपुर, होशंगाबाद, रायपुर, बिलासपुर
- राज्य शासन में पद: सचिव, प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव सहित कई अहम जिम्मेदारियाँ निभाईं
प्रमुख दावेदार रह गए पीछे
मुख्य सचिव की दौड़ में जिन वरिष्ठ IAS अधिकारियों के नाम चर्चा में थे, उनमें रेणु जी पिल्लै, सुब्रत साहू, अमित अग्रवाल, रिचा शर्मा, निधि छिब्बर, विकासशील और मनोज पिंगुआ शामिल हैं। हालांकि सरकार ने अनुभव और संतुलन को प्राथमिकता देते हुए फिर एक बार अमिताभ जैन पर ही मुहर लगाई है।
यह सेवा विस्तार न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक संकेतों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।