रायपुर। छत्तीसगढ़ को खनिज विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक सफलता मिली है। महासमुंद जिले के भालुकोना-जामनीडीह ब्लॉक में निकेल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्वों (PGE) की खोज ने प्रदेश को रणनीतिक खनिजों के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है। यह क्षेत्र करीब 3000 हेक्टेयर में फैला है, जहां भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की संभावना रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने इसकी ई-नीलामी कराई थी।
मेसर्स डेक्कन गोल्ड माइनिंग लिमिटेड (DGML) ने मार्च 2023 में 21% की उच्चतम बोली लगाकर यह ब्लॉक हासिल किया। कंपनी ने तेजी से अन्वेषण कार्य शुरू कर ड्रोन, रॉक सैंपलिंग और भूभौतिकीय तकनीकों से 700 मीटर लंबी और 300 मीटर गहराई तक सल्फाइड खनिजों की मौजूदगी के संकेत पाए हैं।
इस खोज को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे आत्मनिर्भर भारत के लिए राज्य का महत्वपूर्ण योगदान बताया। वहीं, खनिज विभाग के सचिव पी. दयानंद ने इसे हरित ऊर्जा और हाई-टेक तकनीकों के लिए रणनीतिक सफलता बताया। राज्य सरकार ने रणनीतिक खनिजों की खोज के लिए ‘क्रिटिकल मिनरल सेल’ का गठन भी कर दिया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, महासमुंद और आसपास के क्षेत्रों का संयुक्त विकास छत्तीसगढ़ को निकेल, प्लेटिनम और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों का प्रमुख केंद्र बनाएगा। इससे राज्य की आर्थिक प्रगति के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और हरित ऊर्जा मिशन को भी बल मिलेगा।