
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने मंगलवार को दुर्ग जिला शिक्षा कार्यालय का जोरदार घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, पूर्व विधायक, जनप्रतिनिधि, और दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा जिलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकजुट होकर सड़कों पर उतरे।
प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रशासन की दो परतों की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए शिक्षा विभाग के मुख्य द्वार पर धरना प्रदर्शन किया। अंत में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने विभागीय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर स्कूलों को बंद करने की “तानाशाही” नीति को तत्काल वापस लेने की मांग की।
जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार चुनाव पूर्व किए गए 50 हजार शिक्षकों की नियुक्ति और शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाने के वादे से मुकर गई है। उन्होंने कहा कि 10,463 स्कूलों के बंद होने से 45,000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे, जिससे रसोइयों, चपरासियों, महिला सहायता समूहों और अन्य सहायक कर्मचारियों की आजीविका पर भी संकट गहराएगा। गरीबों को निजी स्कूलों में मजबूरी में प्रवेश दिलाना पड़ेगा, जिससे 450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ अभिभावकों पर पड़ेगा और निजी स्कूलों को फायदा पहुंचेगा।
पूर्व विधायक अरुण वोरा ने कहा कि सरकार गरीब और अनुसूचित क्षेत्रों के बच्चों की शिक्षा पर प्रहार कर रही है। युक्तिकरण के नाम पर स्कूल बंद कर निजी स्कूलों को बढ़ावा देना सरकार की मंशा को दर्शाता है।
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री राजेंद्र साहू ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में शुरू हुए आत्मानंद स्कूलों को भी उपेक्षित किया जा रहा है।
भिलाई कांग्रेस नेता मुकेश चंद्राकर और दुर्ग शहर कांग्रेस अध्यक्ष गया पटेल ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया। एक ओर स्कूल बंद हो रहे हैं, दूसरी ओर प्रदेश में नशे को बढ़ावा देने शराब दुकानों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
कौन-कौन रहे शामिल:
प्रदर्शन में अश्वनी साहू, राजीव गुप्ता, अल्ताफ अहमद, दीपक साहू, परमजीत सिंह भुई, आनंद ताम्रकार, सुशील भारद्वाज, विकास सापेकर, कन्या ढीमर, सुमित घोष, हेमा साहू, विजयंत पटेल सहित तीनों जिलों के सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल रहे। ब्लॉक अध्यक्षों, महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस और स्थानीय पार्षदों ने भी प्रदर्शन में अपनी भागीदारी दर्ज कराई।
कांग्रेस ने ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार से मांग की है कि—
- स्कूल बंद करने का निर्णय तत्काल वापस लिया जाए।
- शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति की जाए।
- आत्मानंद स्कूलों की व्यवस्था सुधारी जाए।
- निजी स्कूलों को फायदा पहुंचाने की मंशा छोड़ी जाए।
- शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए, न कि कमजोर।