रायपुर | राजधानी में डेंगू के मरीजों की संख्या 100 से अधिक हो गई है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक आंकड़ों में यह संख्या मात्र 15 दर्ज है। बाकी मरीज विभिन्न जिलों से आए रेफरल केस हैं। डॉक्टरों के मुताबिक जुलाई से सितंबर डेंगू फैलने का सीजन है और इस समय मच्छरों की संख्या बढ़ने से संक्रमण का खतरा अधिक हो गया है।
फॉगिंग न होने से स्थिति और बिगड़ रही है। विधानसभा में भी फॉगिंग न होने का मुद्दा उठ चुका है। शहर के कई वार्डों में मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिससे लोग डेंगू के लक्षण लेकर सरकारी व निजी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। आंबेडकर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना मरीज आ रहे हैं और गंभीर हालत वाले रोगियों को भर्ती करना पड़ रहा है।
पिछले साल नवंबर तक राजधानी में डेंगू के 500 मरीज मिले थे, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में केवल 56 केस दर्ज थे। डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है, लेकिन इस बार नगर निगम ने पिछले साल की तरह कोई जागरूकता अभियान नहीं चलाया।
डॉ. योगेंद्र मल्होत्रा, प्रोफेसर मेडिसिन, आंबेडकर अस्पताल, का कहना है कि डेंगू से बचने के लिए मच्छरदानी लगाकर सोना, घर के आसपास पानी जमा न होने देना और नियमित सफाई करना जरूरी है। डेंगू के मच्छर दिन में काटते हैं और साफ पानी में पनपते हैं। तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते इसके प्रमुख लक्षण हैं।
डेंगू से बचाव के तरीके:
- घर और आसपास साफ पानी जमा न होने दें
- नियमित फॉगिंग कराएं
- मच्छरदानी का उपयोग करें
- पूरी बांह के कपड़े पहनें
- सफाई पर विशेष ध्यान दें
2023 में राजधानी में फैला डेंगू डी-1 वेरिएंट का था, जो ज्यादा घातक नहीं माना जाता। इससे संक्रमण तेजी से फैलता है, लेकिन मौत के मामले कम होते हैं। स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों के आंकड़े मानने से इनकार करता है और केवल एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव आए मरीजों को ही डेंगू पीड़ित मानता है।